यमराज की दिशा
Exercise : Solution of Questions on page Number : 135
प्रश्न 1: कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नहीं हुई?
उत्तर : बचपन में एक बार कवि की माँ ने कवि को यह शिक्षा दी कि दक्षिण दिशा की ओर यमराज का घर होता है। अत: उनकी तरफ पैर करके सोना उनको रुष्ट करने के समान है। माँ द्वारा दी गई इस शिक्षा का कवि ने आजीवन पालन किया। यही कारण है कि कवि को दक्षिण दिशा को पहचानने में कभी गलती नहीं हुई।
प्रश्न 2: कवि ने ऐसा क्यों कहा कि दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था?
उत्तर : बचपन से ही उनके मन में यह अवधारणा बन गई थी कि दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से मृत्यु की प्राप्ति होती है। मृत्यु के भय से कवि का मन आजीवन आशंकित रहा। इसी कारणवश दक्षिण दिशा को लाँघना कवि के लिए संभव नहीं था।
प्रश्न 3: कवि के अनुसार आज हर दिशा दक्षिण दिशा क्यों हो गई है?
उत्तर : आज जीवन कहीं भी सुरक्षित नहीं है। इसका कारण समाज में बढ़ती हिंसा तथा असंतोष की भावना है। आज का समाज विज्ञान के बढ़ते खतरनाक प्रभावों से भी अछूता नहीं है। आज हर वस्तु के दो पक्ष होते हैं। जहाँ एक तरफ़ विज्ञान ने समाज को प्रगतिशील बनाया है वहीं दूसरी तरफ़ विज्ञान द्वारा बनाई गई अत्याधुनिक हथियार मानव जीवन के लिए खतरनाक है। हिंसा तथा आतंक आज चारों दिशाओं में फैल चुका है। अब मृत्यु की एक दिशा नहीं है बल्कि संसार के हर कोने में मौत मँडरा रही है।
प्रश्न 4: भाव स्पष्ट कीजिए –
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं
उत्तर : आज हम संसार के सभी कोने में असुरक्षित हैं। आतंक तथा हिंसा ने यमराज के रुप में आज संपूर्ण सृष्टि पर अपना कब्जा कर लिया है। केवल यमराज का चेहरा बदल गया है। वह आज नए-नए रुपों में हमारे प्राण लेने के लिए सर्वत्र हैं।
प्रश्न 5: कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी –
(क) वह आपको क्या सीख देती हैं?
(ख) क्या उसकी हर सीख आपको उचित जान पड़ती है? यदि हाँ तो क्यों और नहीं तो क्यों नहीं?
उत्तर : (क) माँ अपने अनुभवों के आधार पर हमें समाज में व्याप्त सही तथा गलत को पहचानने की सीख देती है, वह हमें अपने संस्कारों का सही उपयोग करने की सीख देती है।
(ख) माँ की हर सीख अपने बच्चों के लिए उचित है। क्योंकि बच्चे माँ के सामने हर तरह से छोटे हैं। माँ के पास समाज के सही तथा गलत पक्षों को परखने का अनुभव हमसे अधिक होता है। उसकी बात को न मानकर हमें अक्सर पछताना पड़ता है।
प्रश्न 6: कभी-कभी उचित-अनुचित के निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक हो जाता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर : अक्सर बच्चे अपनी माँ की बात को नहीं मानते या उनमें अपना भला बुरा समझने की शक्ति नहीं होती है। इस कारण से माँ अपने बच्चों को ईश्वर का भय दिखाकर उन्हें सही रास्ते पर चलने को बाध्य करती है। सम्भवत: ईश्वर के प्रति असीम श्रद्धा होने के कारण माँ अपने बच्चों के भले के लिए ईश्वर का भय दिखाकर गलत करने से हमें रोकती है।