नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया
Exercise : Solution of Questions on page Number : 55
प्रश्न 1 : बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को कौन-कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया?
उत्तर : बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को महल की रक्षा करने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए –
(1) अंग्रेज़ों के दोषी नाना साहब हैं। मकान का इसमें क्या दोष है?
(2) यह स्थान मैना को बहुत प्रिय है।
(3) अंत में मैना ने सेनापति ‘हे’ को अपना परिचय देकर कहा कि वो उनकी पुत्री ‘मेरी’ की सहेली है।
प्रश्न 2 : मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अंग्रेज़ उसे नष्ट करना चाहते थे। क्यों?
उत्तर : मैना अपने मकान की बचाना चाहती थी क्योंकि यह मकान उसे बहुत प्रिय था। यह उसकी पैत्रिक धरोहर थी।
अंग्रेज़ उस मकान को नष्ट कर देना चाहते थे क्योंकि यह मकान नानाजी जैसे और भी क्रांतिकारियों का ठिकाना हो सकता था। नाना जी ने अंग्रेज़ी सरकार को बहुत हानि पहुँचाई थी तथा अनेक अंग्रेज़ नर-नारियों की हत्या की थी।
प्रश्न 3 : सर टामस ‘हे’ के मैना पर दया-भाव के क्या कारण थे?
उत्तर : मैना का करुणामयी मुख और उसकी अल्पायु देखकर सेनापति ‘हे’ को उस पर दया आई। वह उसकी पुत्री ‘मेरी’ की सहेली भी थी तथा वह उसकी परिचित थी।
प्रश्न 4 : मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रासाद के ढेर पर बैठकर जी भरकर रो ले लेकिन पाषाण हृदय वाले जनरल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी?
उत्तर : मैना के प्रार्थना करने पर भी जनरल ने उसे अपने प्रसाद के ढ़ेर पर रोने भी नहीं दिया, क्योंकि नाना साहब अंग्रेज़ी सरकार के दोषी थे और उनके किसी भी साथी या रिश्तेदार को छोड़ना भविष्य के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकता था। अंग्रेज़ों को भविष्य के इस खतरे से भय था।
प्रश्न 5 : बालिका मैना के चरित्र की कौन-कौन सी विशेषताएँ आप अपनाना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर : मैना की चारित्रिक विशेषताएँ –
(1) मैना एक वाक् चतुर बालिका थी।
(2) उसके मन में अपनी पैतृक धरोहर के प्रति सम्मान की भावना थी।
(3) उसके मन में किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं था। वह साहसी थी।
(4) उसमें आत्मबलिदान की भावना प्रबल थी।
(5) मैना बहुत भावुक थी तभी मकान के जल जाने पर उसका मन दु:खी हो जाता है।
हम मैना की इन सारी विशेषताओं को अपनाना चाहेंगे। उसकी ये विशेषताएँ उसे औरों से अलग बनाती है। इन गुणों से युक्त मनुष्य जीवन पथ पर कभी असफल नहीं होता है। उसे किसी भी प्रकार की शक्ति अपने मार्ग से विचलित नहीं कर सकती है। अतः हम उसके इन गुणों को आत्मसात करके देश तथा परिवार का नाम रोशन करने का प्रयास करेंगे।
प्रश्न 6 : ‘टाइम्स’ पत्रा ने 6 सितंबर को लिखा था – ‘बड़े दुख का विषय है कि भारत सरकार आज तक उस दुर्दांत नाना साहब को नहीं पकड़ सकी’। इस वाक्य में ‘भारत सरकार’ से क्या आशय है?
उत्तर : भारत सरकार से आशय उस समय के अंग्रेज़ी सरकार से है। क्योंकि उस समय भारत पर अंग्रेज़ी सरकार का कब्ज़ा था।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 56
प्रश्न 7 : स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी?
उत्तर : समाज के लोगों तक संदेश पहुँचाने में लेखन कला का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। लोगों के मन में अंग्रेज़ी सरकार के प्रति आक्रोश कि भावना जागृत हुई होगी तथा उन्हें मैना के बलिदान से देशभक्ति की प्रेरणा मिली होगी।
प्रश्न 8 : कल्पना कीजिए कि मैना के बलिदान की यह खबर आपको रेडियो पर प्रस्तुत करनी है। इन सूचनाओं के आधार पर आप एक रेडियो समाचार तैयार करें और कक्षा में भावपूर्ण शैली में पढ़ें।
उत्तर : इस प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं दें।
प्रश्न 9 : इस पाठ में रिपोर्ताज के प्रारंभिक रूप की झलक मिलती है लेकिन आज अखबारों में अधिकांश खबरें रिपोर्ताज की शैली में लिखी जाती हैं। आप –
(क) कोई दो खबरें किसी अखबार से काटकर अपनी कॉपी में चिपकाइए तथा कक्षा में पढ़कर सुनाइए।
(ख) अपने आसपास की किसी घटना का वर्णन रिपोर्ताज शैली में कीजिए।
उत्तर : इस प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं दें।
प्रश्न 10 : आप किसी ऐसे बालक/बालिका के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए जिसने कोई बहादुरी का काम किया हो।
उत्तर : श्रीराम तथा सीता पुत्र लव-कुश ने अपने साहस का परिचय बाल्यकाल में ही दे दिया था। लव-कुश ने हनुमान जैसे बलशाली वानर को भी परास्त किया। उन्होंने राम द्वारा आयोजित अश्वमेघ यज्ञ को भी रोककर राम की पूरी सेना के साथ युद्ध कर, उन्हें परास्त करके अपने पराक्रम तथा बल का परिचय दिया। युग-युग तक यह अमरगाथा अविस्मरणीय रहेगी।
प्रश्न 11 : भाषा और वर्तनी का स्वरूप बदलता रहता है। इस पाठ में हिंदी गद्य का प्रारंभिक रूप व्यक्त हुआ है जो लगभग 75-80 वर्ष पहले था। इस पाठ के किसी पसंदीदा अनुच्छेद को वर्तमान मानक हिंदी रूप में लिखिए।
उत्तर : “कानपुर में भीषण हत्याकांड करने के बाद अंग्रेज़ों का सैनिक दल बिठूर की ओर गया। बिठूर में नाना साहब का राजमहल लूट लिया गया पर उसमें बहुत थोड़ी सम्पत्ति अंग्रेज़ों के हाथ लगी। इसके बाद अंग्रेज़ों ने तोप के गोलों से नाना साहब का महल भस्म कर देने का निश्चय किया। सैनिक दल ने जब वहाँ तोपें लगाई, उस समय महल के बरामदे में एक अत्यंत सुंदर बालिका आकर खड़ी हो गई। उसे देखकर अंग्रेज़ सेनापति को बड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि महल लूटने के समय वह बालिका वहाँ कहीं दिखाई न दी थी।” (यह पाठ का एक अनुच्छेद है)
(अनुच्छेद का वर्तमान मानक हिंदी रुप) कानपुर में घटित हत्याकांड के बाद अंग्रेज़ी सैनिक दल बिठूर की ओर गया। बिठूर में स्थित नाना साहब का राजमहल अंग्रेज़ों द्वारा लूट लिया गया। लेकिन अंग्रेज़ अधिक नुकसान नहीं कर पाए। इसके बाद अंग्रेज़ों ने तोप द्वारा नाना साहब के महल को उड़ा देना चाहा, तभी महल के बरामदे में एक सुंदर बालिका आकर खड़ी हो गई। यह देखकर अंग्रेज़ी सेना को हैरानी हुई क्योंकि महल को लूटते समय यह बालिका वहाँ दिखाई नहीं दी।