शरद जोशी
Exercise : Solution of Questions on page Number : 39
प्रश्न 1: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −
अतिथि कितने दिनों से लेखक के घर पर रह रहा है?
उत्तर : अतिथि लेखक के घर चार दिनों से रह रहा है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −
कैलेंडर की तारीखें किस तरह फड़फड़ा रही हैं?
उत्तर : कैलेंडर की तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से फड़फड़ा रही थी।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 40
प्रश्न 1: निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्याय लिखिए −
चाँद
ज़िक्र
आघात
ऊष्मा
अंतरंग
उत्तर : चाँद − राकेश, शशि, रजनीश
ज़िक्र − उल्लेख, वर्णन
आघात − हमला, चोट
ऊष्मा − गर्मी, घनिष्ठता, ताप
अंतरंग − घनिष्ठ, आंतरिक
प्रश्न 2: निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए −
(क)हम तुम्हें स्टेशन तक छोड़ने जाएँगे। (नकारात्मक वाक्य)
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(ख)किसी लॉण्ड्री पर दे देते हैं, जल्दी धुल जाएँगे। (प्रश्नवाचक वाक्य)
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(ग)सत्कार की ऊष्मा समाप्त हो रही थी। (भविष्यत् काल)
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(घ)इनके कपड़े देने हैं। (स्थानसूचक प्रश्नवाची)
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(ङ)कब तक टिकेंगे ये? (नकारात्मक)
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उत्तर : (क)हम तुम्हें स्टेशन तक छोड़ने जाएँगे। (नकारात्मक वाक्य)
हम तुम्हें स्टेशन तक छोड़ने नहीं जाएँगे।
(ख)किसी लॉण्ड्री पर दे देते हैं, जल्दी धुल जाएँगे। (प्रश्नवाचक वाक्य)
किसी लॉण्ड्री पर दे देने से क्या जल्दी धुल जाएँगे?
(ग)सत्कार की ऊष्मा समाप्त हो रही थी। (भविष्यत् काल)
सत्कार की ऊष्मा समाप्त हो जाएगी। (भविष्यत् काल)
(घ)इनके कपड़े देने हैं। (स्थानसूचक प्रश्नवाची)
इनके कपड़े यहाँ देने हैं।
(ङ) कब तक टिकेंगे ये? (नकारात्मक)
ये अब नहीं टिकेंगे।
प्रश्न 3: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −
पति-पत्नी ने मेहमान का स्वागत कैसे किया?
उत्तर : पति ने स्नेहसिक्त मुस्कान के साथ गले मिलकर और पत्नी ने आदर से नमस्ते करके उनका स्वागत किया।
प्रश्न 4: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −
दोपहर के भोजन को कौन-सी गरिमा प्रदान की गई?
उत्तर : दोपहर के भोजन को लंच की तरह शानदार बनाकर लंच की गरिमा प्रदान की गई।
प्रश्न 5: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −
तीसरे दिन सुबह अतिथि ने क्या कहा?
उत्तर : तीसरे दिन अतिथि ने – कपड़े धुलवाने हैं कहकर धोबी के बारे में पूछा।
प्रश्न 6: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −
सत्कार की ऊष्मा समाप्त होने पर क्या हुआ?
उत्तर : सत्कार की ऊष्मा समाप्त होने पर लंच डिनर की जगह खिचड़ी बनने लगी। ठहाकों के गुब्बारों की जगह एक चुप्पी हो गई। सौहार्द अब धीरे-धीरे बोरियत में बदलने लगा।
प्रश्न 1: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −
लेखक अतिथि को कैसी विदाई देना चाहता था?
उत्तर : लेखक अतिथि को एक भावभीनी विदाई देना चाहता था। वह चाहता था कि जब अतिथि जाए तो पति-पत्नी उसे स्टेशन तक छोड़ने जाए। उन्हें सम्मानजनक विदाई देना चाहते थे।
प्रश्न 1: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −
कौन-सा आघात अप्रत्याशित था और उसका लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर : तीसरे दिन जब अतिथि ने धोबी से कपड़े धुलवाने की इच्छा प्रकट की तो लेखक को अप्रत्याशित आघात लगा। धोबी को कपड़े धुलने देने का मतलब था कि अतिथि अभी जाना नहीं चाहता। लेखक और उसकी पत्नी उसके जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे। इस आघात का लेखक पर यह प्रभाव पड़ा कि वह अतिथि को राक्षस समझने लगा। इसके लिए तिरस्कार और घृणा की भावना उत्पन्न हो गई। लेखक चाहने लगा कि वह शीघ्र चला जाए।
प्रश्न 2: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −
पाठ में आए निम्नलिखित कथनों की व्याख्या कीजिए −
(क) अंदर ही अंदर कहीं मेरा बटुआ काँप गया।
(ख) अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है।
(ग) लोग दूसरे के होम की स्वीटनेस को काटने न दौड़ें।
(घ) मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी।
(ङ) एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते।
उत्तर : (क) जब लेखक ने अनचाहे अतिथि को आते देखा तो उसे महसूस हुआ कि खर्च बढ़ जाएगा। इसी को बटुआ काँपना कहते हैं।
(ख) अतिथि जब आता है तो देवता जैसा प्रतीत होता है एक दिन बाद वह सामान्य हो जाता है अर्थात इतना बुरा भी नहीं लगता इसलिए इसे मानव रुप में कहा है और ज़्यादा दिन रह जाए तो राक्षस जैसा प्रतीत होता है अर्थात बुरा लगने लगता है
(ग) हर व्यक्ति अपने घर में सुख-शांति बनाए रखना चाहता है। अपने घर को स्वीट होम बनाए रखना चाहता है परन्तु अनचाहा अतिथि आकर उसकी इस मिठास को खत्म कर देता है। अर्थात असुविधाएँ उत्पन्न हो जाती हैं।
(घ) अतिथि चार दिन से लेखक के घर रह रहा था। कल पाँचवा दिन हो जाएगा। यदि कल भी अतिथि नहीं गया तो लेखक अपनी सहनशीलता खो बैठेगा और अतिथि सत्कार भूलकर कुछ गलत न बोल दे।
(ङ) यदि अतिथि को देवता माना जाए तो वह मनुष्य के साथ ज़्यादा नहीं रह सकता। दोनों को सामान्य मनुष्य बनना पड़ेगा। देवता की पूजा की जाती है और पूजा ज़्यादा देर तक नहीं चलती।
प्रश्न 2: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −
‘संबंधों का संक्रमण के दौर से गुज़रना’ −इस पंक्ति से आप क्या समझते हैं? विस्तार से लिखिए।
उत्तर : ‘संबंधों का संक्रमण के दौर से गुज़रना’ − इस पंक्ति का आशय है संबंधों में परिवर्तन आना। जो संबंध आत्मीयतापूर्ण थे अब घृणा और तिरस्कार में बदलने लगे। जब लेखक के घर अतिथि आया था तो उसके संबंध सौहार्द पूर्ण थे। उसने उसका स्वागत प्रसन्नता पूर्वक किया था। लेखक ने अपनी ढ़ीली-ढ़ाली आर्थिक स्थिति के बाद भी उसे शानदार डिनर खिलाया और सिनेमा दिखाया। लेकिन अतिथि चार पाँच दिन रुक गया तो स्थिति में बदलाव आने लगा और संबंध बदलने लगे।
प्रश्न 3: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −
जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो लेखक के व्यवहार में क्या-क्या परिवर्तन आए?
उत्तर : जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो लेखक ने उसके साथ मुस्कुराकर बात करना छोड़ दिया, बातचीत के विषय समाप्त हो गए। सौहार्द व्यवहार अब बोरियत में बदल गया। लंच डिनर अब खिचड़ी पर आ गए। इसके बाद लेखक उपवास तक जाने की तैयारी करने लगा। लेखक अतिथि को ‘गेट आउट’ तक कहने के लिए तैयार हो गया।