चाँद से थोड़ी-सी गप्पें
Exercise : Solution of Questions on page Number : 30
प्रश्न 1: कविता में ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ कहकर लड़की क्या कहना चाहती है?
उत्तर 1: लड़की कहना चाहती है कि −
चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 31
प्रश्न 2: ‘हमको बुद्धू ही निरा समझा है!’ कहकर लड़की क्या कहना चाहती है?
उत्तर 2: ‘हमको बुद्धू ही निरा समझा है!’ से लड़की का आशय है कि हम बुद्धू नहीं हैं कि यह न समझ सकें कि आप बीमार हैं। हम सब कुछ जानतें हैं, हम भी चतुर हैं।
प्रश्न 3: आशय बताओ −
‘यह मरज़’ आपका अच्छा ही नहीं होने में आता है।’
उत्तर 3: कवि यह कहना चाहता है कि चाँद को कोई बीमारी है जो कि अच्छा होता हुआ प्रतीत नहीं होता क्योंकि जब ये घटते हैं तो केवल घटते ही चले जाते हैं और जब बढ़ते हैं तो बिना रूके दिन प्रतिदिन निरन्तर बढ़ते ही चले जाते हैं। तब-तक, जब-तक ये पूरे गोल न हो जाए। कवि की नज़र में ये सामान्य क्रिया नहीं है।
प्रश्न 4: कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और इसके कारण भी बताओ। दिन
कारण
पूर्णिमा …………………………………………………………………………………………
अष्टमी …………………………………………………………………………………………
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच …………………………………………………………………
प्रथमा से अष्टमी के बीच …………………………………………………………………
उत्तर 4: कवि ने चाँद से गप्पें अष्टमी से पूर्णिमा के बीच लगाई होगी।
क्योंकि कवि अपनी कविता में कहते हैं।
“गोल है खूब मगर
आप तिरछे नज़र आते हैं ज़रा।”
अर्थात चाँद गोल है पर पूरी तरह से गोल नहीं है। उसकी गोलाई थोड़ी तिरछी है। इससे साफ़ पता चलता है कि पूर्णिमा होने में अभी एक या दो दिन का समय और है।
प्रश्न 5: नई कविता में तुक या छंद की बजाय बिंब का प्रयोग अधिक होता है, बिंब वह तसवीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तसवीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बनें। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने बि ल कु ल शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।
उत्तर 5:
(i) गो-ल
(ii) बि-ल-कु-ल
(iii) ति-र-छे
(iv) ब-ढ-ते
प्रश्न 1: कुछ लोग बड़ी जल्दी चिढ़ जाते हैं, यदि चाँद का स्वभाव भी आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह किन बातों से सबसे ज़्यादा चिढ़ेगा? चिढ़कर वह उन बातों का क्या जवाब देगा? अपनी कल्पना से चाँद की ओर से दिए गए जवाब लिखो।
उत्तर 1: यदि चाँद का स्वभाव आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह सम्भवत: निम्नलिखित बातों से चिढ़ जाए।
(i) आप कुछ तिरछे नज़र आते हैं।
(ii) आपको बीमारी है।
(iii) सिर्फ मुँह खोले हुए हैं अपना।
(iv) गोल मटोल।
चाँद द्वारा दिए गए जवाब सम्भवत: ये हो सकते हैं :-
(i) मैं तिरछा नहीं हूँ तिरछी तो तुम्हारी नज़र है।
(ii) मुझे कोई बीमारी नहीं है तुम्हारी आँखो में कोई बीमारी है।
(iii) मेरा मुँह बिल्कुल ठीक है। तुम्हारी नज़र खराब है।
(iv) मै गोल मटोल ही भला हूँ। पर तुम कमज़ोर हो।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 32
प्रश्न 1: चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है।
नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं। इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो-
गुलाबी पगड़ी / मखमली घास / कीमती गहने
ठंडी रात / जंगली फूल / कश्मीरी भाषा
उत्तर 1:
विशेषण — प्रत्यय — संज्ञा
(i)चाँदनी —-ई —- चाँद
(ii) गुलाबी — ई —- पगड़ी
(iii) मखमली —- ई —- घास
(iv) कीमती — ई —- गहने
(vi) ठंडी —- ई —- रात
(vii) जंगली —- ई —- फूल
(viii) कश्मीरी —- ई —- भाषा
प्रश्न 2: •गोल-मटोल •गोरा-चिट्ठा
कविता में आए शब्दों के इन जोड़ों में अंतर यह है कि चिट्ठा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है जबकि मटोल अपने-आप में कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है। ऐसे चार-चार शब्द युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर 2:
(i) दुबला-पतला – यह दुबला-पतला आदमी काफ़ी कमज़ोर है।
(ii) काला-कलुठा – राकेश का दोस्त राहुल काला-कलुठा है
(iii) दाना-पानी – बस इतने दिन का ही दाना-पानी लिखा था यहाँ।
(iv) रोज़मर्रा – यह भाग-दौड़ भरी जिन्दगी रोज़मर्रा की बात हो गई है।
प्रश्न 3: ‘बिलकुल गोल’ – कविता में इसके दो अर्थ हैं-
(क) गोल आकार का
(ख) गायब होना!
ऐसे तीन शब्द सोचकर उनसे ऐसे वाक्य बनाओ कि शब्दों के दो-दो अर्थ निकलते हों।
उत्तर 3: (i) कल – मैं कल स्कूल नही आऊँगा। – यहाँ के सभी कल-कारखाने बंद पड़े हैं।
(ii) पानी – इस तालाब का पानी बिलकुल साफ़ है। – राहुल भरी कक्षा में शर्म के मारे पानी-पानी हो गया।
(iii) कनक – कनक के आभूषण बहुत चमकीले होते हैं। – कनक को खाने से वह पागल हो गया है।
प्रश्न 4: जोकि, चूँकि, हालाँकि कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो वाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।
उत्तर 4:
(i) जोकि – तुम्हें गौतम के घर जाना होगा जोकि दूर है। – तुम बाजार से सामान लेकर आओ जोकि दूर है।
(ii) चूँकि – चूँकि मैं आज बीमार हूँ इसलिए आज स्कुल नही जा सकता। – चूँकि सवाल कठिन था इसलिए मैं नही बना पाया।
(iii) हालाँकि – हालाँकि आज बारिश हो रही है फिर भी तुम्हें मेरे घर आना होगा। – हालाँकि मुझे पता है फिर भी मैं तुमसे यह सुनना चाहता हूँ।
प्रश्न 2: यदि कोई सूरज से गप्पें लगाए तो वह क्या लिखेगा? अपनी कल्पना से गद्य या पद्य में लिखो। इसी तरह की कुछ और गप्पें निम्नलिखित से किसी एक या दो से करके लिखो ।
पेड़ बिजली का खंभा सड़क पेट्रोल पंप
उत्तर 2:
(i) सुरज से गप्पे
लाल-लाल सुनहरा सूरज,
सुबह हमें जगाता है।
अंधियारे को चीरकर,
रौशन जग को करता है।
पर एक बात बताओगे सूरज भैया!
इतना क्रोध क्यों करते हो।
इस क्रोध से,
पूरी धरती जलती है।
(ii) पेड़
कितने सुन्दर लगते हो
सबको छाया देते हो
सब ओर हरियाली करते हो
Exercise : Solution of Questions on page Number : 33
प्रश्न 5: गप्प, गप-शप, गप्पबाज़ी क्या इन शब्दों के अर्थ में अंतर है? तुम्हें क्या लगता है? लिखो।
उत्तर 5: गप्प- बिना काम की बात।
गप-शप – इधर-उधर की बातचीत।
गप्पबाज़ी – कुछ झुठी, कुछ सच्ची बात।
प्रश्न 1: क्या तुम जानते हो दुनियाभर में कई प्रकार के कैलेंडरों का इस्तेमाल होता है। नीचे दो प्रकार के कैलेंडर दिए गए हैं। इन्हें देखो और प्रश्नों के उत्तर दो।
संवत् 2063
सन् 2006
(क) इन कैलेंडरों में से कौन-सा कैलेंडर चंद्रमा के अनुसार है
(ख) क्या तुम्हारे आसपास इन दोनों कैलेंडरों का इस्तेमाल होता है? यदि होता है तो किन-किन मौकों पर?
(ग) कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का क्या अर्थ होता है?
उत्तर 1: (क) इनमें से संवत् 2063 वाला कैलेंडर चंद्रमा के अनुसार है।
(ख) इन दोनो प्रकारों के कैलेंडरों का प्रयोग अपने- अपने ज़रूरत के हिसाब से होता है; जैसे- सम्वत् (हिन्दी) कैलेंडर का प्रयोग त्योहारों, पूजा-पाठ के दिन या शादी के लिए किया जाता है। तथा अंग्रेज़ी कैलेंडर का प्रयोग तारीख देखने के लिए होता है।
(ग) कृष्ण पक्ष की रातें अंधेरी होती हैं, शुक्ल पक्ष की रातें चंद्रमा की रोशनी से रौशन होती है।