मैं सबसे छोटी होऊँ
Exercise : Solution of Questions on page Number : 118 ( Kavita Se)
प्रश्न 1: कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना क्यों की गई है?
उत्तर 1: कविता ”मैं सबसे छोटी होऊँ” में सबसे छोटी होने की कल्पना की गई है। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि छोटों को, माता- पितातथा बड़ों का स्नेह ज़्यादा मिलता है। माँ के साथ उसका जुड़ाव ज़्यादा रहता है।
प्रश्न 2: कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मै’ क्यों कहा गया है?
उत्तर 2: कविता में यह बात इसलिए कही गई है क्योंकि वह अधिक समय तक माँ के साथ रहना चाहती है। बड़े हो जाने से माँ का स्नेह भीबच्चों से दूर हो जाता है।
प्रश्न 3: कविता में किसके आँचल की छाया में छिपे रहने की बात कही गई है और क्यों?
उत्तर 3 : कविता में माँ के आँचल की छाया में छिपे रहने की बात कही गई है, क्योंकि माँ ही बच्चों को सबसे अधिक स्नेह करती है।
प्रश्न 4 :
आशय स्पष्ट करो-
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात!
उत्तर 4 : प्रस्तुत पंक्तियों से कवि का आशय है कि जब हम बड़े हो जाते हैं तब बचपन की तरह वह सदा हमारे साथ- साथ नहीं रहती है? जिस प्रकार बचपन में माँ अपने बच्चों को हमेशा अपने साथ-साथ रखती है। बड़े हो जाने पर वह हमेशा हमें सम्भालने के लिएहमारे साथ-साथ नहीं रहती।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 119 ( Bhasha Ki Baat)
प्रश्न 1: ‘पकड़-पकड़कर’ की तरह नीचे लिखे शब्दों को पूरा करो और उनसे वाक्य भी बनाओ-
छोड़ | बना……. |
फिर ……. | खिला ……. |
पोंछ ……. | थमा ……. |
सुना ……. | कह ……. |
दिखा ……. | छिपा ……. |
उत्तर 1:
छोड़ — छोड़कर | बना — बनाकर |
फिर — फिरकर | खिला — खिलाकर |
पोंछ — पोंछकर | थमा — थमाकर |
सुना — सुनाकर | कह — कहकर |
दिखा — दिखाकर | छिपा — छिपाकर |
प्रश्न 2: इन शब्दों के समान अर्थ वाले दो-दो शब्द लिखो-
हाथ | …… |
सदा | …… |
मुख | …… |
माता | …… |
स्नेह | …… |
उत्तर 2:
हाथ– | हस्त, कर |
सदा– | हमेशा, सर्वदा |
मुख– | मुँह, चेहरा |
माता– | माँ, जननी |
स्नेह– | प्रेम, प्यार |
प्रश्न 3: कविता में ‘दिन-रात’ शब्द आया है। तुम भी ऐसे पाँच शब्द सोचकर लिखो जिनमें किसी शब्द का विलोम शब्द भी शामिल हो और उनके वाक्य बनाओ।
उत्तर 3 :
(i) सुबह-शाम ……… | तुम सुबह-शाम हर वक्त मुझे परेशान करते रहते हो। |
(ii) आगे-पीछे ……… | तुम्हें अपने आगे-पीछे सब देखकर चलना चाहिए। |
(iii) ऊपर-नीचे ……… | इस तरह बार-बार ऊपर-नीचे करके अपना समय बरबाद मत करो। |
(iv) अच्छा-बुरा ……… | तुम अपना अच्छा-बुरा स्वयं सोच सकते हो। |
(v) उल्टा-सीधा ……… | इस तरह के उल्टे-सीधे काम करके तुम बेवकूफ़ी कर रहे हो। |
(vi) पाप-पुण्य ……… | धर्म पाप-पुण्य का अर्थ बताता है |
प्रश्न 4 : ‘निर्भय’ शब्द में ‘नि’ उपसर्ग लगाकर शब्द बनाया गया है। तुम भी ‘नि’ उपसर्ग से पाँच शब्द बनाओ।
(i) निराकार | |
(ii) निर्बल. | |
(iii) निर्गुण | |
(iv) निकम्मा | |
(v) निरोग | |
(vi) निरक्षर | |
(vii) निसंतान | |
(viii) निहत्था | |
(ix) निर्दयता | |
(x) निडर |
प्रश्न 5: कविता की किन्हीं चार पंक्तियों को गद्य में लिखो।
उत्तर 5 :
कभी न छोडूँ तेरा हाथ!
बड़ा बनाकर पहले हमको
तू पीछे छलती है मात!
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात!
गद्यरूप − माँ तेरा हाथ कभी न छोडूँ। तू पहले हमें बड़ा करती है फिर छलती है। तू हमारा हाथ पकड़कर सदा हमारे साथ नहीं चलती है।