गारो
Exercise : Solution of Questions on page Number : 32
प्रश्न 1: (क) अपने प्रदेश या किसी अन्य राज्य की किसी जनजाति के बारे में पता करो। उसके बारे में अपनी कक्षा में बताओ।
(ख) यह पाठ एक लोककथा पर आधारित है। अगर तुमने भी कभी कोई लोककथा सुनी है तो लोककथा और सामान्य कहानी के बारे में अपनी कक्षा में चर्चा करो।
(ग) गारो लोगों ने बहुत लंबी यात्रा की थी। यदि तुमने भी कोई लंबी यात्रा की हो तो अपनी यात्रा के बारे में लिखो।
उत्तर :
(क) ‘मुंडा’ जनजाति झारखण्ड की मुख्य जनजातियों में से एक है। यह भारत की पुरानी जनजातियों में से एक कही जाती है। अधिकत्तर मुंडा रांची जिले में ही निवास करते हैं। इनकी भाषा मुंडारी कही जाती है। इनका मुख्य पेशा कृषि है। जंगल इनकी जीविका का मुख्य तथा उपयोगी साधन है। यह जनजाति अपनी लोककथा और लोकगीतों के लिए विश्व में खासी प्रसिद्ध है।
(ख) लोककथा और समान्य कहानी में बहुत अंतर होता है। लोककथा किसी सत्य कहानी पर आधारित होती है जबकि सामान्य कहानी काल्पनिक होती है। लोककथा हमारी संस्कृति का आधार होती है। सामान्य कहानी के साथ ऐसा होना आवश्यक नहीं होता। लोककथा में उस समय के जन-जीवन का सजीव चित्रण होता है, समान्य कहानी में इस तत्व का अभाव होता है। ये हमारी अमूल्य धरोहर हैं, जो सदियों से एक-से दूसरी और दूसरी से तीसरी पीढ़ी को मिल रही हैं। सामान्य कहानी में ऐसा नहीं होता। लोककथा मौखिक रुप में जीवित होती हैं। सामान्य कहानी लिखित अवस्था में होती हैं। लोककथा के निर्माण के विषय में जानकारी प्राप्त नहीं होती है। परन्तु सामान्य कहानी में सभी जानकारी मिल जाती हैं।
(ग) एक बार में अपने पिताजी के साथ दिल्ली से गढ़वाल गया हुआ था। हमने पूरी रात बस में बैठकर सफ़र किया। सुबह रामनगर पहुँचकर हमने अपने गाँव तक की दूसरी बस ली। वहाँ से हमारी यात्रा बहुत दुर्गम थी। वातावरण जितना मनभावन और रमणीय था। सफ़र उतना ही कठिन था। बस धीमी गति से चल रही थी; तब भी हमें डर लग रहा था। दोपहर बारह बजे हमारी बस ने हमें एक पक्की सड़क के किनारे छोड़ दिया। वहाँ पहुँचकर तो ऐसा लगा मानो मैं स्वर्ग में पहुँच गया हूँ। ठंडी हवा चल रही थी। चारों तरफ हृदय को आनंदित करने वाला दृश्य विद्यमान था। मेरे मामा हमें लेने आए थे। हमारा घर पहाड़ की तराई पर था। हमें नीचे तक पैदल यात्रा करनी थी। सारा सामान उन्होंने अपने कंधो पर उठा लिया। हम जंगल के रास्ते से गुज़रे। वहाँ शांति छायी हुई थी। कहीं-कहीं पर पानी की आवाज़ या पक्षियों का स्वर सुनाई पड़ रहा था। उस असीम शांति में सुकून और भय का मिला जुला स्वरूप विद्यमान था। हमें यह लग रहा था कि कोई जंगली जानवर न आ जाए। दो घंटे की उतराई ने हमारा दम ही निकाल दिया। परन्तु गाँव पहुँचकर हमने बड़ी राहत की साँस ली।
(नोट: इन प्रश्नों का उत्तर विद्यार्थियों को स्वयं करना है। अत: विद्यार्थी अपने अनुभवों के अनुसार इन प्रश्नों के उत्तर दें।)
प्रश्न 1:
(क) पाठ के आधार पर गारो जनजाति के बारे में कुछ पंक्तियाँ लिखो।
(ख) गारो लोग एक स्थान पर क्यों बस जाना चाहते थे?
(ग) जा पा जलिन पा और सुक पा बुंगि पा का नाम आदर से क्यों लिया जाता है?
उत्तर :
(क) गारो एक जनजाति का नाम है। इनका संबंध चीन और तिब्बत से माना जाता है। प्राचीनकाल में यह खाने-पीने के साधनों की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक विचरते रहते थे। मेघालय को इन्होंने अपना लिया और यहीं के हो गए। इस जनजाति के लोग शांति प्रिय होते हैं। उन्हें प्रकृति से बहुत गहरा लगाव होता है। प्रकृति के बीच में रहना इन्हें विशेष प्रिय है। ये परिश्रमी साहसी और दृढ़ निश्चयी लोग होते हैं।
(ख) गारो लोग स्वयं के खानाबदोश जीवन से तंग आ चुके थे। भोजन के लिए कई-कई दिनों तक भटकते रहना, विषम परिस्थितियों तथा मौसम का सामना करना व जंगली जानवरों के हमले से वे थक चुके थे। वे अपने लिए सुरक्षित और उपजाऊ स्थान चाहते थे जहाँ रहकर वह एक सुरक्षित और अच्छा जीवन जी सके। इसलिए वह किसी अच्छे स्थान पर बस जाना चाहते थे।
(ग) इन दोनों ने ही अपनी जाति के विकास और सुरक्षा के लिए सुंदर स्थान खोजा था। मेघालय राज्य इनके ही महत्वकांशा का परिणाम था। आज गारो जनजाति सभ्य और फल-फूल रही है, तो इन दोनों के दृढ़ निश्चय के कारण। इसलिए इन दोनों का नाम गारो जाति में बड़े आदर से लिया जाता है।
प्रश्न 1:
(क) जंगलों से हमें कौन-कौन सी चीज़ें प्राप्त होती हैं?
(ख) गारो पहाड़ किस प्रदेश में हैं? मानचित्र पर उस प्रदेश का नाम लिखो।
उत्तर :
(क) जंगलों से हमें कंद-मूल, फल-फूल, औषधियाँ, लकड़ियाँ इत्यादि प्राप्त होता है।
(ख) गारो पहाड़ मेघालय में स्थित है। मानचित्र में इसे देखें-
प्रश्न 1: जन + जाति = जनजाति
शांति + प्रिय = शांतिप्रिय
महा + पुरुष = महापुरुष
मित्रता + पूर्ण = मित्रतापूर्ण
उत्तर :
(क) जनजाति शब्द दो शब्द ‘जन’ तथा ‘जाति’ से मिलकर बना है। इसका अर्थ है लोगों की जाति (समूह)। प्रायः यह शब्द भारत के आदिवासी लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है।
(ख) शांतिप्रिय शब्द दो शब्द ‘शांति’ तथा ‘प्रिय’ शब्दों से मिलकर बना है। इसका अर्थ है ऐसे लोग जिन्हें शांति पसंद होती है।
(ग) महापुरुष यह शब्द दो शब्दों ‘महा’ तथा ‘पुरुष’ से मिलकर बना है। इसका अर्थ है महान पुरुष।
(घ) मित्रतापूर्ण यह शब्द भी दो शब्दों ‘मित्रता’ तथा ‘पूर्ण’ शब्द से मिलकर बना है। इसका अर्थ है ऐसा व्यवहार जिसमें मित्र के समान स्नेह विद्यमान हो।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 33
प्रश्न 1: वर्षों तक इस प्रकार यात्रा होती रही।
वर्षों तक इस प्रकार यात्रा होती ही रही।
नीचे लिखे वाक्यों में सही जगह पर ‘ही’ लगाकर बोलो-
(क) सुधा सुबह तक पढ़ती रही।
(ख) यह पंखा हमेशा आवाज़ करता रहता है।
(ग) गारो लोगों का खानाबदोश जीवन कई सालों तक चलता रहा।
(घ) सुशील थककर सो गया।
(ङ) दो घंटे बाद बस चल पड़ी।
उत्तर :
(क) सुधा सुबह तक पढ़ती ही रही।
(ख) यह पंखा हमेशा आवाज़ करता ही रहता है।
(ग) गारो लोगों का खानाबदोश जीवन कई सालों तक चलता ही रहा।
(घ) सुशील थककर सो ही गया।
(ङ) दो घंटे बाद बस चल ही पड़ी।
प्रश्न 1: नीचे लिखे शब्दों में सही अक्षर भरो-
उत्तर :
विषय
साहस
आकर्षक
पुरुष
शेष
विष
विषम
शत्रु
षटकोण
वर्षा
वर्ष
समुद्र
सहज
प्रश्न 1: सामाजिक, पारंपारिक, ये शब्द इक (तद्धित) प्रत्यय लगाकर बनाए गए हैं। इसी प्रकार इक प्रत्यय लगाकर पाँच शब्द बनाओ।
उत्तर : (1) साप्ताहिक
(2) व्यापारिक
(3) सांसारिक
(4) वैवाहिक
(5) व्यवहारिक