सङ्कल्प: सिद्धिदायकः
Exercise : Solution of Questions on page Number : 41
प्रश्न 1: उच्चारणं कुरुत-
अभवत् | अकथयत् | अगच्छत् |
न्यवेदयत् | अपूजयत् | स्वपिति |
तपति | अपूजयत् | अवदत् |
वदति स्म | वसति स्म | रक्षति स्म |
वदति | चरति स्म | करोति स्म |
गच्छति स्म | अकरोत् | पठति स्म |
उत्तर1: विद्यार्थी इसका उच्चारण स्वयं करें।
प्रश्न 2: उदाहरणम् अनुसृत्य रिक्तस्थानानि पूरयत-
(क) एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् |
यथा- वसति स्म | वसतः स्म | वसन्ति स्म |
पूजयति स्म | …… | …… |
……. | रक्षतः स्म | ….. |
चरित स्म | ……. | ……. |
…… | ….. | करोति स्म |
गच्छति स्म | अकरोत् | पठति स्म |
(ख) पुरुषः एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् |
यथा- प्रथमपुरुषः अकथयत् अकथयताम् अकथयन्
प्रथमपुरुषः ……………… अपूजयताम् अपूजयन्
प्रथमपुरुषः अरक्षत् …………….. ……………
(ग) पुरुषः एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् |
यथा- मध्यमपुरुषः अवसः अवसतम् अवसत
मध्यमपुरुषः ……………… अपूजयतम् ……………
मध्यमपुरुषः ……………… . ……………. अचरत
(घ) पुरुषः एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् |
यथा- उत्तमपुरुषः अपठम् अपठाव अपठाम
उत्तमपुरुषः अलिखम् ……………… ……………
उत्तमपुरुषः ……………… अरचयाव ……………
उत्तर 2:
(क) एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् |
यथा- वसति स्म | वसतः स्म | वसन्ति स्म |
पूजयति स्म | पूजयतः स्म | पूजयन्ति स्म |
रक्षित स्म | रक्षतः स्म | रक्षन्ति स्म |
चरित स्म | चरतः स्म | चरन्ति स्म |
करोति स्म | कुरुतः स्म | कर्वन्ति स्म |
(ख) पुरुषः एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः | अकथयत् | अकथयताम् | अकथयन् |
प्रथमपुरुषः | अपूजयत् | अपूजयताम् | अपूजयन् |
प्रथमपुरुषः | अरक्षत् | अरक्षताम् | अरक्षन् |
(ग) पुरुषः एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् |
मध्यमपुरुषः | अवसः | अवसतम् | अवसत |
मध्यमपुरुषः | अपूजयः | अपूजयतम् | अपूजयत |
मध्यमपुरुषः | अचरः | अचरतम् | अचरत |
(घ) पुरुषः एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् |
उत्तमपुरुषः | अपठम् | अपठाव | अपठाम |
उत्तमपुरुषः | अलिखम् | अलिखाव | अलिखाम |
उत्तमपुरुषः | अरचयम् | अरचयाव | अरचयाम |
Exercise : Solution of Questions on page Number : 42
प्रश्न 3:
प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-
(क) तपःप्रभावात् के सखायः जाताः?
(ख) पार्वती तपस्यार्थं कुत्र अगच्छत्?
(ग) कः श्मशाने वसति?
(घ) शिवनिन्दां श्रुत्वा का क्रुद्धा जाता?
(ङ) वटुरूपेण तपोवनं कः प्राविशत्?
उत्तर 3:
(क) तपःप्रभावात् हिंस्रपशवोऽपि सखायः जाताः।
(ख) पार्वती तपस्यार्थं गौरीशिखरम् अगच्छत्।
(ग) शिवः श्मशाने वसति।
(घ) शिवनिन्दां श्रुत्वा पार्वती क्रुद्धा जाता।
(ङ) वटुरूपेण तपोवनं शिवः प्राविशत्।
प्रश्न 4: कः/का कं/कां प्रति कथयति-
कः/का कम्/काम्
यथा-वत्से!तपःकठिनं भवति? | माता | —– |
(क) अहं तपः एव चरिष्यामि? | —— | —– |
(ख) मनस्वी कदापि धैर्यं न परित्यजति। | —— | —– |
(ग) अपर्णा इति नाम्ना त्वं प्रथिता। | —— | —— |
(घ) पार्वति! प्रीतोऽस्मि तव सङ्कल्पेन। | —— | —— |
(ङ) शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्। | —— | —— |
(च) अहं तव क्रीतदासोऽस्मि। | ——– | —— |
उत्तर 4: कः/का कम्/काम्
यथा-वत्से!तपःकठिनं भवति? | माता | पार्वतीम् |
(क) अहं तपः एव चरिष्यामि? | पार्वती | मेनाम् |
(ख) मनस्वी कदापि धैर्यं न परित्यजति। | पार्वती | मेनाम |
(ग) अपर्णा इति नाम्ना त्वं प्रथिता। | विजया | पार्वतीम् |
(घ) पार्वति! प्रीतोऽस्मि तव सङ्कल्पेन। | शिवः | पार्वतीम् |
(ङ) शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्। | वटुः | विजयाम् |
(च) अहं तव क्रीतदासोऽस्मि। | शिवः | पार्वतीम् |
Exercise : Solution of Questions on page Number : 43
प्रश्न 5:
प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-
(क) पार्वती क्रुद्धा सती किम् अवदत्?
(ख) कः पापभाग् भवति?
(ग) पार्वती किं कर्त्तुम् ऐच्छत्?
(घ) पार्वती कया साकं गौरीशिखरं गच्छति?
उत्तर 5:
(क) पार्वती क्रुद्धा सती अवदत् यत् अरे वाचाल! अपसर। जगति न कोऽपि शिवस्य यथार्थं स्वरुपं जानाति। यथा त्वमसि तथैव वदसि।
(ख) शिवः निन्दा यः करोति श्रृणोति च पापभाग् भवति।
(ग) पार्वती तपस्यां कर्त्तुम् ऐच्छत्।
(घ) पार्वती विजयया साकं गौरीशिखरं गच्छति।
प्रश्न 6:
मञ्जूषातः पदानि चित्वा समानार्थकानि पदानि लिखत-
माता मौनम् प्रस्तरे जन्तवः नयनानि
शिलायां …………………….
पशवः …………………….
अम्बा …………………….
नेत्राणि …………………….
तूष्णीम् …………………….
उत्तर 6:
शिलायां प्रस्तरे
पशवः जन्तवः
अम्बा माता
नेत्राणि नयनानि
तूष्णीम् मौनम्
प्रश्न 7:
उदाहरणानुसारं पदरचनां कुरुत-
यथा- वसति स्म = अवसत्
(क) पश्यति स्म = …………………….
(ख) तपति स्म = …………………….
(ग) चिन्तयति स्म = …………………….
(घ) वदति स्म = …………………….
(ङ) गच्छति स्म = …………………….
यथा- अलिखत् = लिखति स्म।
(क) …………………… = कथयति स्म।
(ख) …………………… = नयति स्म।
(ग) …………………… = पठति स्म।
(घ) …………………… = धावति स्म।
(ङ) …………………… = हसति स्म।
उत्तर 7:
यथा वसति स्म = अवसत्।
(क) पश्यति स्म = अपश्यत्।
(ख) तपति स्म = अतपत्।
(ग) चिन्तयति स्म = अचिन्तयत्।
(घ) वदति स्म = अवदत्।
(ङ) गच्छति स्म = अगच्छत्।
यथा अलिखत् = लिखति स्म।
(क) अकथयत् = कथयति स्म।
(ख) अनयत् = नयति स्म।
(ग) अपठत् = पठति स्म।
(घ) अधावत् = धावति स्म।
(ङ) अहसत् = हसति स्म।