विमानयानं रचयाम
Exercise : Solution of Questions on page Number : 52
प्रश्न 1: पाठे दत्तं गीतं सस्वरं गायत।
उत्तर 1: इस पाठ को सभी विद्यार्थी मिलकर गाएँ।
प्रश्न 2:
कोष्ठकान्तर्गतेषु शब्देषु तृतीया-विभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
यथा– नभः चन्द्रेण शोभते। (चन्द्र)
(क) सा ……………….. जलेन मुखं प्रक्षालयति। (विमल)
(ख) राघवः ……………. विहरति। (विमानयान)
(ग) कण्ठः ……………. शोभते। (मौक्तिकहार)
(घ) नभः ……………. प्रकाशते। (सूर्य)
(ङ) पर्वतशिखरम् ……………. आकर्षकं दृश्यते। (अम्बुदमाला)
उत्तर 2:
(क) सा विमलेन जलेन मुखं प्रक्षालयति। (विमल)
(ख) राघवः विमानयानेन विहरति। (विमानयान)
(ग) कण्ठः मौक्तिकहारेण शोभते। (मौक्तिकहार)
(घ) नभः सूर्येण प्रकाशते। (सूर्य)
(ङ) पर्वतशिखरम् अम्बुदमालया आकर्षकं दृश्यते। (अम्बुदमाला)
प्रश्न 3:
भिन्नवर्गस्य पदं चिनुत-
भिन्नवर्गः | |
यथा- सूर्यः चन्द्रः, अम्बुदः, शुक्रः। अम्बुदः | —- |
(क) पत्राणि, पुष्पाणि, फलानि, मित्राणि। | —- |
(ख) जलचरः, खेचरः, भूचरः, निशाचरः। | —- |
(ग) गावः, सिंहाः, कच्छपाः, गजाः। | —- |
(घ) मयूराः, चटकाः, शुकाः, मण्डूकाः। | —- |
(ङ) पुस्तकालयः, श्यामपट्टः, प्राचार्यः, सौचिकः। | —- |
(च) लेखनी, पुस्तिका, अध्यापिका, अजा। | —- |
उत्तर 3:
भिन्नवर्गः | |
यथा- सूर्यः चन्द्रः, अम्बुदः, शुक्रः। अम्बुदः | अम्बुदः |
(क) पत्राणि, पुष्पाणि, फलानि, मित्राणि। | मित्राणि |
(ख) जलचरः, खेचरः, भूचरः, निशाचरः। | निशाचरः |
(ग) गावः, सिंहाः, कच्छपाः, गजाः। | कच्छपाः |
(घ) मयूराः, चटकाः, शुकाः, मण्डूकाः। | मण्डूकाः |
(ङ) पुस्तकालयः, श्यामपट्टः, प्राचार्यः, सौचिकः। | सौचिकः |
(च) लेखनी, पुस्तिका, अध्यापिका, अजा। | अजा |
प्रश्न 4:
प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-
(क) के वायुयानं रचयन्ति?
(ख) वायुयानं कीदृशं वृक्षं कीदृशं भवनं च क्रान्त्वा उपरि गच्छति?
(ग) वयं कीदृशं सोपानं रचयाम्?
(घ) वयं कस्मिन् लोके प्रविशाम?
(ङ) आकाशे काः चित्वा मौक्तिकहारं रचयाम?
(च) केषां गृहेषु हर्षं जनयाम?
उत्तर 4:
(क) राघव, माधव, सीता, ललिता च वायुयानं रचयन्ति।
(ख) वायुयानम उन्नतवृक्षं तुङ्गं भवनं च क्रान्त्वा उपरि गच्छति।
(ग) वयं हिमवन्तं सोपानं रचयाम।
(घ) वयं चन्द्रलोके प्रविशाम।
(ङ) आकाशे विविधा: सुन्दर ताराश्चित्वा मौक्तिकहारं रचयाम।
(च) दु:खित – पीडित – कृषिकजनानां गृहेषु हर्षं जनयाम।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 53
प्रश्न 5:
विलोमपदानि योजयत-
उन्नतः | पृथिव्याम् |
गगने | असुन्दरः |
सुन्दरः | अवनतः |
चित्वा | शोकः |
दुःखी | विकीर्य |
हर्षः | सुखी |
उत्तर 5:
उन्नतः | अवनतः |
गगने | पृथिव्याम् |
सुन्दरः | असुन्दरः |
चित्वा | विकीर्य |
दुःखी | सुखी |
हर्षः | शोकः |
प्रश्न 6:
समुचितैः पदैः रिक्तस्थानानि पूरयत-
विभक्ति: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमा | भानु: | भानू | … |
द्वितीया | … | … | गुरून् |
तृतीया | … | पशुभ्याम् | … |
चतुर्थी | साधवे | … | … |
पञ्चमी | वटो: | … | … |
षष्ठी | … | विभ्वो: | … |
सप्तमी | शिशौ | … | … |
सम्बोधन | हेविष्णो! | … | … |
उत्तर 6:
विभक्ति: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमा | भानु: | भानू | भानव: |
द्वितीया | गुरुम् | गुरू | गुरून् |
तृतीया | पशुना | पशुभ्याम् | पशुभि: |
चतुर्थी | साधवे | साधुभ्याम् | साधुभ्य: |
पञ्चमी | वटो: | वटुभ्याम् | वटुभ्य: |
षष्ठी | विभो: | विभ्वो: | विभूनाम् |
सप्तमी | शिशौ | शिश्वो: | शिशषु |
सम्बोधन | हेविष्णो! | हेविष्णु | हेविष्णव: |
प्रश्न 7:
पर्याय-पदानि योजयत-
गगने | जलदः |
विमले | निशाकरः |
चन्द्रः | आकाशे |
सूर्यः | निर्मले |
अम्बुदः | दिवाकरः |
उत्तर 7:
गगने | आकाशे |
विमले | निर्मले |
चन्द्रः | निशाकरः |
सूर्यः | दिवाकरः |
अम्बुदः | जलदः |