विद्याधनम्
Exercise : Solution of Questions on page Number : 67
प्रश्न 1:
उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’, अनुपयुक्तकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत-
(क)विद्या राजसु पूज्यते। | —- |
(ख) वाग्भूषणं भूषणं न। | —- |
(ग)विद्याधनं सर्वधनेषुप्रधानम्। | —- |
(घ) विदेशगमने विद्या बन्धुजनः न भवति। | —- |
(ङ) सर्वं विहाय विद्याधिकारं कुरु। | —- |
उत्तर 1:
(क)विद्या राजसु पूज्यते। | आम् |
(ख) वाग्भूषणं भूषणं न। | न |
(ग)विद्याधनं सर्वधनेषुप्रधानम्। | आम् |
(घ) विदेशगमने विद्या बन्धुजनः न भवति। | न |
(ङ) सर्वं विहाय विद्याधिकारं कुरु। | आम् |
प्रश्न 2:
अधोलिखितानां पदानां लिङ्ग, विभक्तिं, वचनञ्च लिखत-
पदानि लिङ्गम् विभक्तिः वचनम् |
नरस्य | …. | …. | …. |
गुरूणाम् | …. | …. | …. |
केयूराः | …. | …. | …. |
कीर्तिम् | …. | …. | …. |
भूषणानि | …. | …. | …. |
उत्तर 2:
पदानि | लिङ्गम् | विभक्ति: | वचनम् |
नरस्य | पुँल्लिङ्गम् | षष्ठ | एकवचनम् |
गुरूणाम् | पुँल्लिङ्गम् | षष्ठ | बहुवचनम् |
केयूराः | पुँल्लिङ्गम् | प्रथमा | बहुवचनम् |
कीर्तिम् | स्त्रीलिङ्गम् | द्वितीया | एकवचनम् |
भूषणानि | नपुंसकलिङ्गम् | द्वितीया | बहुवचनम् |
Exercise : Solution of Questions on page Number : 68
प्रश्न 3:
श्लोकांशान् योजयत-
क ख
विद्या राजसु पूज्यते न हि धनम् | हारा न चन्द्रोज्ज्वलाः। |
केयूराः न विभूषयन्ति पुरुषम् | न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि। |
न चौरहार्यं न च राजहार्यम् | या संस्कृता धार्यते। |
सत्कारायतनं कुलस्य महिमा | धनम् म्विद्या-विहिनः पशुः। |
वाण्येका समलङ्करोति पुरुषम् | रत्नैर्विना भूषणम्। |
उत्तर 3:
क ख
विद्या राजसु पूज्यते न हि धनम् | धनम् विद्या-विहिनः पशुः। |
केयूराः न विभूषयन्ति पुरुषम् | हारा न चन्द्रोज्ज्वलाः। |
न चौरहार्यं न च राजहार्यम् | न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि। |
सत्कारायतनं कुलस्य महिमा | रत्नैर्विना भूषणम्। |
वाण्येका समलङ्करोति पुरुषम् | या संस्कृता धार्यते। |
प्रश्न 4:
एकपदेन प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-
(क) कः पशुः?
(ख) का भोगकरी?
(ग) के पुरुषं न विभूषयन्ति?
(घ) का एका पुरुषं समलङ्करोति?
(ङ) कानि क्षीयन्ते?
उत्तर 4:
(क) विद्याविहीनः पशुः।
(ख) विद्या भोगकरी।
(ग) केयूराः पुरुषं न विभूषयन्ति।
(घ) वाणी एका पुरुषं समलङ्करोति।
(ङ) अखिल भूषणानि क्षीयन्ते।
प्रश्न 5:
रेखाङ्कितपदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-
(क) विद्याविहिनः नरः पशुः अस्ति।
(ख) विद्या राजसु पूज्यते।
(ग) चन्द्रोज्ज्वलाः हाराः पुरुषं न अलङ्कुर्वन्ति।
(घ) पिता हिते नियुङ्क्ते?
(ङ) विद्याधनं सर्वप्रधान धनमस्ति।
(च) विद्या दिक्षु कीर्तिं तोनति।
उत्तर 5:
(क) विद्याविहीन: क: पशु: अस्ति?
(ख) का राजसु पूज्यते?
(ग) चन्द्रोज्ज्वला: के पुरुषं न अलङ्कुर्वन्ति?
(घ) क: हिते नियुङ्क्ते?
(ङ) विद्याधनं कथं धनमस्ति?
(च) विद्या कुत्र कीर्तिं तनोति?
Exercise : Solution of Questions on page Number : 69
प्रश्न 6:
पूर्णवाक्येन प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-
(क) गुरूणां गुरुः का अस्ति?
(ख) कीदृशी वाणी पुरुषं समलङ्करोति?
(ग) व्यये कृते किं वर्धते?
(घ) भाग्यक्षये आश्रयः कः?
उत्तर 6:
(क) गुरूणां गुरुः विद्या अस्ति।
(ख) संस्कृता धार्यते वाणी पुरुषं समलङ्करोति।
(ग) व्यये कृते विद्या वर्धते।
(घ) भाग्यक्षये आश्रयः विद्या अस्ति।
प्रश्न 7:
मञ्जूषातः पुँल्लिङ्ग-स्त्रीलिङ्ग-नपुंसकलिङ्गपदानि चित्वा लिखत-
विद्या धनम् संस्कृता सततम् कुसुमम् मूर्धजाः पशुः गुरुः रतिः |
पुँल्लिङ्गम् | स्त्रीलिङ्गम् | नपुंसकलिङ्गम् |
यथा- हाराः | अलङ्कता | भूषणम् |
—- | —- | —- |
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उत्तर 7:
पुँल्लिङ्गम् | स्त्रीलिङ्गम् | नपुंसकलिङ्गम् |
यथा- हाराः | अलङ्कता | भूषणम् |
पशुः | विद्या | धनम् |
गुरुः | संस्कृता | कुसुमम् |
मूर्धजाः | रतिः | सततम् |