रक्त और हमारा शरीर
Exercise : Solution of Questions on page Number : 40
प्रश्न 1: (क) चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं-
• इस वाक्य को ध्यान से पढ़िए। इस वाक्य में ‘होते-होते’ के प्रयोग से यह बताया गया है कि चार महीने से पूर्व ही ये नष्ट हो जाते हैं। इस तरह के पाँच वाक्य बनाइए जिनमें इन शब्दों का प्रयोग हो-
बनते-बनते, पहुँचते-पहुँचते, लेते-लेते, करते-करते
(ख) इन प्रयोगों को पढ़िए-
सड़क के किनारे-किनारे पेड़ लगे हैं।
आज दूर-दूर तक वर्षा होगी।
इन वाक्यों में ‘होते-होते’ की तरह ‘किनारे-किनारे’ और ‘दूर-दूर’ शब्द दोहराए गए हैं। पर हर वाक्य में अर्थ भिन्न है। किनारे-किनारे का अर्थ है- किनारे से लगा हुआ और दूर-दूर का-बहुत दूर तक।
आप भी निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए और उनके अर्थ लिखिए –
ठीक-ठीक, घड़ी-घड़ी, कहीं-कहीं, घर-घर, क्या-क्या
उत्तर :
(क) (i) मेरी नौकरी की बात बनते-बनते बिगड़ गई।
(ii) प्लेटफार्म में समय पर पहुँचते-पहुँचते भी हमारी गाड़ी छूट गई।
(iii) मेरे लेते-लेते भी सामान रह गया।
(iv) करते-करते भी कार्य समय पर नहीं हो पाया।
(ख) (i) ठीक-ठीक ( ठीक से ) :- ठीक-ठीक समय बताइए क्या वक्त हुआ है।
(ii) घड़ी-घड़ी (हर घड़ी में) :- तुम घड़ी-घड़ी मुझसे पूछने मत आया करो।
(iii) कहीं-कहीं (कहीं पर) :- इस जगह पर कहीं-कहीं ही पानी मिलता है।
(iv) घर-घर (हर घर में) :- घर-घर जाकर हर बच्चे को पोलियो की दवा पिलाओ।
(v) क्या-क्या (और क्या) :- बच्चों को खाने में क्या-क्या अच्छा लगता है।
प्रश्न 1: रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर : जब शरीर के किसी हिस्से पर घाव बन जाए और रक्त बहने लगे तो सर्वप्रथम उस स्थान पर साफ़ कपड़े को कसकर बाँध देना चाहिए ताकि रक्त के प्रवाह को रोका जा सके। इस तरह रक्त का प्रवाह तुरन्त रूक जाएगा परन्तु इस तरकीब से भी बात ना बने और रक्त का प्रवाह बना रहे तो तुरन्त ही डाक्टर के पास उपचार के लिए मरीज़ को लेकर जाना चाहिए।
प्रश्न 2: खून को ‘भानुमती का पिटारा’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर : क्योंकि रक्त दिखने में तो द्रव की भांति होता है परन्तु इसके विपरीत उसके अंदर एक अलग दुनिया का ही प्रतिबिम्ब होता है। रक्त दो भागों में विभाजित होता है – एक भाग तरल रूप में होता है जिसे हम प्लाज़्मा के नाम से जानते हैं, दूसरे भाग में हर प्रकार व आकार के कण होते हैं। कुछ सफ़ेद होते हैं तो कुछ लाल, और कुछ रंगहीन होते हैं। ये सब कण प्लाज़्मा में तैरते रहते हैं। रक्त का लाल रंग लाल कणों के कारण होता है क्योंकि रक्त की एक बूंद में इनकी संख्या करीब चालीस से पचपन लाख होती है। इनकी इसी अधिकता के कारण रक्त लाल प्रतीत होता है। इनका कार्य ऑक्सीजन को शरीर के एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाना होता है। लाल कण के बाद सफ़ेद कणों का कार्य रोगाणुओं से हमारी रक्षा करना होता है और जो रंगहीन कण होते हैं जिन्हें हम बिंबाणु कहते हैं। इनका कार्य घाव को भरने में मदद करना होता है। इस प्रकार रक्त की एक बूँद अपने में ही जादुई दुनिया को समेटे हुए है जिसके लिए ‘भानुमती का पिटारा’ कहना सर्वथा उचित है।
प्रश्न 3: एनीमिया से बचने के लिए हमें क्या-क्या खाना चाहिए?
उत्तर : इससे पहले ये समझना आवश्यक है कि एनीमिया है क्या। जब हमारे शरीर को उचित पौष्टिक आहार मिल नहीं पाता तो हमारे शरीर में रक्त का निर्माण होना बन्द हो जाता है। शरीर में रक्त की कमी होने लगती है और रक्त में होने वाली लाल-कणों की इसी कमी को एनीमिया कहते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम सदैव पौष्टिक आहार ही लें। जैसे – हरी सब्जियाँ, दालें, दूध, माँस-मछली, अंडे इत्यादि प्रचुर मात्रा में लें।
प्रश्न 4: पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं? इनसे कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर : जब हम बाहर का दूषित खाना व जल पीते हैं तो ये दोनों (दूषित खाना व जल) शरीर में पेट के कीड़ों के लिए वाहक के रूप में कार्य करते हैं। कुछ कीड़ों के लार्वे तो ज़मीन की ऊपरी सतह पर होते हैं इसलिए हमें चाहिए कि हम नंगे पैर इधर-उधर न घूमें और शौचालय का इस्तेमाल करने के पश्चात् साबुन से भली-भाँति हाथ धोएँ, बाहर का खाना न खाएँ व दूषित पानी न पीएँ आदि सावधानियों से स्वयं को इन पेट के कीड़ों से बीमार होने से बचा सकते हैं।
प्रश्न 5: रक्त के सफ़ेद कणों को ‘वीर सिपाही’ क्यों कहा गया है?
उत्तर : सफ़ेद रक्त कणों का कार्य शरीर में घर बना रहे रोगाणु से हमारी रक्षा करना होता है। ये रक्त कण उनसे एक वीर सिपाही की भांति लड़ते हैं और जहाँ तक संभव हो सके उनकी कार्यक्षमता को शिथिल कर हमें उनसे सुरक्षा प्रदान कराते हैं। इसलिए इन्हें वीर सिपाही की संज्ञा दी गई है। एक वीर सिपाही भी देश की रक्षा करने हेतु बाहरी ताकतों से लोहा लेता है और देश व उसकी सीमा को सुरक्षा प्रदान करता है।
प्रश्न 6: ब्लड-बैंक में रक्तदान से क्या लाभ है?
उत्तर : ब्लड बैंक को अस्पताल में बनाने का उद्देश्य यह है कि मरीज़ को रक्त की आवश्यकता होने पर रक्त की आपूर्ति कराई जा सके। हर मनुष्य का रक्त एक सा नहीं होता। रक्त को चार वर्गों में विभाजित किया जाता है। इसी रक्त विभाजन के आधार पर हर व्यक्ति को अलग-अलग रक्त-समूह चढ़ाया जाता है। इसी आधार पर ब्लड बैंक का निर्माण हुआ परन्तु इस बैंक को बनाए रखने के लिए रक्त की आवश्यकता होती है जो तभी संम्भव है जब हम सब समय-समय पर रक्तदान कराते रहें और ब्लड बैंक में रक्त का भण्डार बनाए रखें। क्योंकि यदि हम रक्तदान न करें तो ब्लड बैंक में रक्त की कमी हो जाएगी और ज़रूरत पड़ने पर मरीज़ों को रक्त की कमी की वजह से परेशानियों से गुज़रना पड़ सकता है या फिर उनकी जान भी जा सकती है। इसलिए हमें सदैव रक्तदान करना चाहिए व सबको इसके प्रति जागृत कराते रहना चाहिए।
प्रश्न 7: साँस लेने पर शुद्ध वायु से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में कौन पहुँचाता है-
सफेद कण लाल कण
साँस नली फेफड़े
उत्तर : साँस लेने पर शुद्ध वायु से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में लाल कण पहुँचाते हैं।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 41
प्रश्न 2: इस पाठ में दिए गए मुहावरों और कहावतों को पढ़िए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
भानुमती का पिटारा, दस्तक देना, धावा बोलना, घर करना, पीठ ठोकना
उत्तर : (i) भानुमती का पिटारा (कभी न खत्म होने वाला) :- तुम्हारे दिमाग में तो हर समय भानुमती के पिटारे की तरह तरक़ीब आती रहती है।
(ii) दस्तक देना (खटखटाना) :- किस्मत ने मेरे दरवाज़े पर दस्तक दी है।
(iii) धावा बोलना (हमला करना) :- झाँसी की रानी ने अंग्रेज़ों पर धावा बोल दिया।
(iv) घर करना (समझ में आना) :- तुम्हारी बात मेरे दिमाग पर घर कर गई।
(v) पीठ ठोकना (शाबासी देना) :- चोर को पकड़ने पर पुलिस ने राघव की पीठ ठोकी।