दो गौरेया (कहानी)
Exercise : Solution of Questions on page Number : 11
प्रश्न 1: (क) दोनों गौरैयों को पिताजी जब घर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो माँ क्यों मदद नहीं कर रही थी? बस, वह हँसती क्यों जा रही थी?
(ख) देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। माँ ने पिताजी से गंभीरता से यह क्यों कहा?
(ग) “किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए,” पिताजी ने गुस्से में ऐसा क्यों कहा? क्या पिताजी के इस कथन से माँ सहमत थी? क्या तुम सहमत हो? अगर नहीं तो क्यों?
(घ) कमरे में फिर से शोर होने पर भी पिताजी अबकी बार गौरैया की तरफ़ देखकर मुसकुराते क्यों रहे?
उत्तर : (क) माँ पिताजी का मज़ाक उड़ा रही थी क्योंकि पिताजी कभी ताली बजाकर, कभी बाहें झुलाकर, कभी श-शू करके गौरैयों को उड़ा रहे थे। गौरैया घोंसले से सिर निकाल कर झाँकती चीं-चीं करती फिर घोसले में चली जाती। यह देखकर माँ हँसने लगती। माँ कहती, सारे दरवाजे बंद करके एक खोलो तभी चिड़िया निकलेगी।
(ख) “देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो।” माँ ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि चिड़ियों ने अब तक अंडे भी दे दिए होंगे। वे उन्हें सेकना चाहती होगीं। किसी भी प्राणी को परेशान करना तथा उसका घर उजाड़ना गलत होता है। यह माँ जानती थी।
(ग) चिड़िया के बार-बार आने व तिनके बिखेरने से पिताजी परेशान थे इसलिए तंग आकर उन्होंने ऐसा कहा। परन्तु माँ को यह बात अच्छी नहीं लगी क्योंकि किसी को निकालने के लिए उसका घर तोड़ देना ठीक नहीं। उसमें उसके अंडे या बच्चे भी होंगे जो मर जाएँगे। पिताजी की बात से हम भी सहमत नहीं हैं। हम माँ की बात से सहमत हैं।
(घ) जब पिताजी घोंसला तोड़ रहे थे, तो उसमें से चीं-चीं की आवाज़ आई। अंड़ों में से बच्चे निकल आए थे, तभी पिताजी ने घोंसला वापस रख दिया क्योंकि उनको बच्चों पर दया आ गई। अब चिड़िया दाने लाकर अपने बच्चों को खिला रही थी। यह देखकर पिताजी मुस्कुरा रहे थे क्योंकि अब उन्हें पता चल गया था कि बच्चे होने के बाद थोड़े दिन में वे बच्चों को लेकर अपने आप ही उड़ जाएँगी।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 12
प्रश्न 2: इस कहानी के शुरू में कई पशु-पक्षियों की चर्चा की गई है। कहानी में वे ऐसे कुछ काम करते हैं जैसे मनुष्य करते हैं। उनको ढूँढ़कर तालिका पूरी करो–
(क) | पक्षी | – | घर का पता लिखवाकर लाए हैं। |
(ख) | बूढ़ा चूहा | – | |
(ग) | बिल्ली | – | |
(घ) | चमगादड़ | – | |
(ङ) | चींटियाँ | – |
उत्तर :
(क) | पक्षी | – | घर का पता लिखवाकर लाए हैं। |
(ख) | बूढ़ा चूहा | – | अंगीठी के पीछे बैठता है शायद सर्दी लग रही है। |
(ग) | बिल्ली | – | फिर आऊँगी कह कर चली जाती है। |
(घ) | चमगादड़ | – | पंख फौज़ ही छावनी डाले हुए हैं। |
(ङ) | चींटियाँ | – | इनकी फौज़ ही छावनी डाले हुए है। |
प्रश्न 3: नीचे दिए गए वाक्य को पढ़ो –
“जब हम लोग नीचे उतरकर आए, तब वे फिर से मौजूद थीं और मज़े से बैठी मल्हार गा रही थीं।”
(क) अब तुम पता करो कि मल्हार क्या होता है? इस काम में तुम बड़ों की सहायता भी ले सकते हो।
(ख) बताओ कि क्या सचमुच चिड़ियाँ ‘मल्हार’ गा सकती हैं?
(ग) बताओ की कहानी में चिड़ियों द्वारा मल्हार गाने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर : (क) मल्हार एक प्रकार का गीत है, जो सावन अथवा वर्षा ऋतु में गाया जाता है।
(ख) नहीं चिड़ियाँ मल्हार नहीं गा सकती हैं।
(ग) चिड़ियाँ चीं-चीं चों-चों करके शोर मचाती रहती है, इसलिए व्यंग्य में कहा गया है कि ये मल्हार गा रही हैं।
प्रश्न 4: अलग-अलग पक्षी अलग-अलग तरह से घोसला बनाते हैं। तुम कुछ पक्षियों के घोसलों के चित्र इकट्ठे करके उसे अपनी कॉपी पर चिपकाकर शिक्षक को दिखाओ।
उत्तर : यह कार्य छात्रों के स्वयं के करने के लिए हैं।
प्रश्न 5: (क) पूरी कहानी में गौरैया, कहाँ-कहाँ से घर के अंदर घुसी थीं? सूची बनाओ।
(ख) अब अपने घर के बारे में सोचो। तुम्हारे घर में यदि गौरैया आना चाहे तो वह कहाँ-कहाँ से अंदर घुस सकती है? इसे अपने शिक्षक को बताओ।
उत्तर : (क) गौरैया कभी दरवाज़े से, कभी दरवाज़े के नीचे खाली जगह से, कभी रोशनदान के टूटे शीशे से अंदर घुसती थीं।
(ख) हमारे घर में यदि गौरैया आना चाहे तो वह दरवाज़े-खिड़कियों से अन्दर आएगी।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 13
प्रश्न 6: “माँ खिलखिलाकर हँस दीं।” इस वाक्य में ‘खिलखिलाकर’ शब्द बता रहा है कि माँ कैसे हँसी थीं। इसी प्रकार नीचे दिए गए रेखांकित शब्दों पर भी ध्यान दो। इन शब्दों से एक-एक वाक्य बनाओ।
(क) पिताजी ने झिड़ककर कहा, “तू खड़ा क्या देख रहा है?”
(ख) “आज दरवाज़े बंद रखो,” उन्होंने हुक्म दिया।
(ग) “देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो,” माँ ने अबकी बार गंभीरता से कहा।
(घ) “किसी को सचमुच बाहर निकालना हो, तो उसका घर तोड़ देना चाहिए,” उन्होंने गुस्से में कहा।
तुम इनसे मिलते-जुलते कुछ और शब्द सोचो और उनका प्रयोग करते हुए कुछ वाक्य बनाओ।
संकेत –धीरे से, ज़ोर से, अटकते हुए, हकलाते हुए, फुसफुसाते हुए आदि।
उत्तर : (क) गरीब बच्चे ने बड़ी दयनीय अवस्था में पैसा माँगा पर उसने बड़ी बेदर्दी से झिड़ककर उसे दूर कर दिया।
(ख) राजा ने अपराधी को फाँसी की सज़ा का हुक्म दिया।
(ग) पिता ने बड़ी गम्भीरता से अपने बेटे को समझाया।
(घ) आजकल वह बहुत गुस्से में रहता है।
इनसे मिलते जुलते कुछ और शब्द का वाक्य में प्रयोग इस प्रकार है–
1. धीरे से –उसने धीरे सेदरवाज़ा खोला।
2. ज़ोर से –इतना ज़ोर से मत बोलो गला दुखने लगेगा।
3. अटकते हुए –वह कुछ अटकते हुए कहता है।
4. हकलाता –मोहन इतना हकलाता है कि अपनी बात भी पूरी नहीं कर पाता।
5. फुसफुसाते हुए –गीता ने मेरे कान में फुसफुसाते हुए अपनी बात बताई।
प्रश्न 7: “पिताजी बोले, क्या मतलब? मैं कालीन बरबाद करवा लूँ?” ऊपर दिए गए वाक्य पर ध्यान दो और बताओ कि–
(क) पिताजी ने यह बात किससे कही?
(ख) उन्होंने यह बात क्यों कही?
(ग) गौरैयों के आने से कालीन कैसे बरबाद होता?
उत्तर : (क) पिताजी ने यह बात माँ से कही।
(ख) उन्होंने यह बात इसलिए कही क्योंकि गौरैया घोसला बनाने के लिए जो तिनके लाती थी वे कालीन पर गिरते थे। इससे कालीन गंदा होता था।
(ग) गौरैयों के आने से कालीन पर तिनके गिरते, गौरैया की बीट भी गिर सकती थी। इस तरह की गन्दगी गिरने से कालीन खराब हो जाता।
प्रश्न 8: “पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है।” ऊपर के वाक्य को पढ़ो और बताओ कि–
(क) सराय और घर में क्या अंतर होता है? आपस में इस पर चर्चा करो।
(ख) पिताजी को अपना घर सराय क्यों लगता है?
उत्तर : (क) सराय में लोग किराया देकर कुछ समय के लिए रहते हैं और चले जाते हैं। सराय के मकान से उन्हें कोई लगाव नहीं होता। परन्तु घर से अपनापन जुड़ा रहता है। उसमें पूरा जीवन लोग काट देते हैं। घर में एक ही परिवार के लोग रहते हैं। सराय में अलग-अलग स्थानों से आए लोग कुछ समय के लिए रहते हैं।
(ख) पिताजी को अपना घर सराय इसलिए लगा क्योंकि वहाँ पर कोई भी आ जाता था; जैसे– चिड़िया, कबूतर, चमगादड़, बिल्ली, चूहा, चींटियाँ आदि।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 14
प्रश्न 9: मान लो तुम लेखक के घर की एक गौरैया हो। अब अपने साथी गौरैया को बताओ कि तुम्हारे साथ इस घर में क्या-क्या हुआ?
उत्तर : जब मैंने घोंसला बनाना शुरू किया तो किसी ने देखा नहीं। जब घोंसला बन गया तो तोड़ने लगे। थोड़े दिन शान्त रहे, फिर हमें भगाने की कोशिश करने लगे। सभी दरवाज़े, खिड़कियाँ बन्द कर दी, आने-जाने का रास्ता भी बन्द कर दिया। मेरे घोंसले में अंडे थे। उनकी हालत देखकर बहुत दुख हुआ। फिर एक दिन घोंसला तोड़ने लगे। तब तक बच्चे उड़ना सीख चुके थे। वे उड़ गए।
प्रश्न 10: तुम्हें इस कहानी में कौन सबसे अधिक पसंद आया? तुम्हें उसकी कौन-सी बात सबसे अधिक अच्छी लगी?
(क) माँ (ख) पिताजी (ग) लेखक (घ) गौरैया (ङ) चूहे (च) बिल्ली (छ) कबूतर (ज) कोई अन्य/कुछ और
उत्तर : इस कहानी में ‘माँ’ बहुत पसंद आई। वह दयावान और समझदार तो थी हीं साथ ही पिताजी के गुस्से को भी बहुत आसानी से हँसकर ख़त्म कर देती थी।
प्रश्न 11: नीचे माँ द्वारा कही गई कुछ बातें लिखी हुई हैं। उन्हें पढ़ो।
“अब तो ये नहीं उड़ेंगी। पहले इन्हें उड़ा देते, तो उड़ जातीं।”
“एक दरवाज़ा खुला छोड़ो, बाकी दरवाज़े बंद कर दो। तभी ये निकलेंगी।”
“देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। अब तो इन्होंने अंडे भी दे दिए होंगे। अब ये यहाँ से नहीं जाएँगी।”
अब बताओ कि–
(क) क्या माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना चाहती थीं?
(ख) माँ बार-बार क्यों कह रही थीं कि ये चिड़ियाँ नहीं जाएँगी?
उत्तर : (क) नहीं माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना नहीं चाहती थीं क्योंकि उन्हें संदेह था कि चिड़ियों ने अंडे दे दिए होंगे। इस समय उन्हें निकालना ठीक नहीं है।
(ख) माँ को लगा था कि अब तक तो चिड़ियों ने घोंसले में अंडे भी दे दिए होंगे और अंडे छोड़कर चिड़िया नहीं जाएगीं।
प्रश्न 12: (क) तुम्हारे विचार से इस कहानी को कौन सुना रहा है? तुम्हें यह किन बातों से पता चला?
(ख) लेखक ने यह अनुमान कैसे लगाया कि एक चूहा बूढ़ा है और उसको सर्दी लगती है?
उत्तर : (क) हमारे विचार से कहानी एक बेटा सुना रहा है। वह जब छोटा था तब यह घटना घटी थी। उसे याद करके ही वह सुना रहा है। इस कहानी में वह अपने पिताजी और अपनी माँ के बारे में कह रहा है।
(ख) लेखक के घर में एक चूहा अक्सर अंगीठी के पीछे ही बैठा करता था, जैसे उसे गर्मी चाहिए हो। बूढ़ों को ज़्यादा सर्दी लगती है। इसलिए लेखक ने उस चूहे को बूढ़ा कहा है।
प्रश्न 13: चुक –चूक
(क) अब उनकी सहनशीलता चुक गई।
(ख) उनका निशाना चूक गया।
अब तुम भी इन शब्दों को समझो और उनसे वाक्य बनाओ।
1. सुख –सूख
(क) ……………………………………………………………………………….
(ख) ……………………………………………………………………………….
2. धुल –धूल
(क) ……………………………………………………………………………….
(ख) ……………………………………………………………………………….
3. सुना –सूना
(क) ……………………………………………………………………………….
(ख) ……………………………………………………………………………….
उत्तर : 1. सुख –सूख
(क) अब उसके सुख के दिन आए हैं।
(ख) उसका पूरा खेत सूख गया। खाने के भी लाले पड़ गए हैं।
2. धुल –धूल
(क) इस कपड़े पर चढ़ा मैल धुल गया।
(ख) आज तो बहुत धूल उड़ रही है।
3. सुना –सूना
(क) मैंने आज बड़ी अच्छी कहानी सुनी।
(ख) यहाँ तो बड़ा सूना-सूना लग रहा है।