उठ किसान ओ (कविता)
Exercise : Solution of Questions on page Number : 47
प्रश्न 1: नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़ो। आपस में चर्चा करके इसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो–
(क) “तेरे हरे-भरे सावन के साथी ये आए हैं”
क्या बादल हरे-भरे सावन के साथी हैं अथवा किसान के? या दोनों के।
(ख) “तेरे प्राणों में भरने को नया राग लाए हैं”
बादल ऐसा क्या लाए हैं जिससे किसान के प्राणों में नया राग भर जाएगा?
(ग) “यह संदेशा ले कर आई, सरस मधुर शीतल पुरवाई”
पुरवाई किसान के लिए क्या संदेशा लेकर आई होगी?
(घ) “तेरे लिए, अकेले तेरे लिए, कहाँ से चलकर आई”
क्या सचमुच पुरवाई केवल किसान के लिए चलकर आई है? वह कहाँ से चलकर आई होगी?
उत्तर : (क) बादल, सावन और किसान दोनों के साथी हैं। सावन से मौसम अच्छा रहता है। किसान के खेत लहलहाते हैं।
(ख) बादल के बरसने से भूमि को जल मिलेगा। इससे किसानों द्वारा लगाए खेतों को पानी मिलता है और उसकी मेहनत खेतों के रूप में लहलहा जाती है, जिसमें उसके प्राण बसे होते हैं। इसलिए कवि ने बादल द्वारा लाए जल से किसान के प्राणों में नया राग भरने की बात कही है।
(ग) पुरवाई किसान के लिए लहलहाते खेतों की हरी पताका फहराने का संदेशा लाई है।
(घ) ‘पुरवाई’ सभी के लिए आई है। परन्तु किसान के लिए बहुत महत्व रखती है क्योंकि उसे लहलहाते खेत अच्छे लगते हैं। वह कहाँ से चलकर आ रही है, इसका तो पता नहीं है। परन्तु कहा जाता है, पहाड़ों से हवा चलती है।
प्रश्न 2: (क) जब हरा खेत लहराएगा तो क्या होगा?
(ख) बादलों के घिर आने पर कवि किसान को उठने के लिए क्यों कहता है?
(ग) रूप बदल कर बादल किसान के कौन से सपनों को साकार करेगा?
उत्तर : (क) जब हरा खेत लहराएगा तो वह हरी पताका फहराएगा।
(ख) बादलों के घिर आने पर कवि किसान को उठने के लिए इसलिए कहता है क्योंकि बादल उसके साथी हैं। वह उसके खेतों में प्राण डालने आ गए हैं।
(ग) रूप बदल कर बादल किसान के खेत और उसकी अच्छी उपज के सपनों को साकार करेगा।
प्रश्न 3: “हरा खेत जब लहराएगा
हरी पताका फहराएगा
छिपा हुआ बादल तब उसमें
रूप बदलकर मुसकाएगा”
कविता में हम पाते हैं कि सावन की हरियाली बादलों के कारण ही हुई है इसलिए कवि को उस हरियाली में मुसकराते बादल ही दिखाई देते हैं। बताओ, कवि को इन सब में कौन दिखाई दे सकता है–
(क) गर्म हवा। लू के थपेड़े।
(ख) सागर में उठती ऊँची-ऊँची लहरें।
(ग) सुगंध फैलाता हुआ फूल।
(घ) चैन की नींद सोती हुई बालिका।
उत्तर : (क) भयंकर गर्मी।
(ख) सागर की सुंदरता।
(ग) फूलों के गुच्छे जिसमें सुगंध हो।
(घ) छोटी सी चिन्ता रहित बालिका।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 48
प्रश्न 4: आजकल पुराने ज़माने की अपेक्षा किसान बहुत अधिक चीज़ों की खेती करने लगे हैं। खेती का स्वरूप बहुत विशाल हो गया है। पता करो कि आजकल भारत के लोग किन-किन चीज़ों की खेती करते हैं? अपने साथियों के साथ मिलकर एक सूची तैयार करो।
उत्तर : आजकल किसान फल, सब्जियाँ, सोया, सूरजमुखी, अन्य तरह के फूल आदि की खेती करने लगे हैं।
प्रश्न 5: अपनी मातृभाषा में ‘किसान’ पर लिखी गई कविता को अपने मित्रों व शिक्षक को सुनाओ।
उत्तर : है जीत चुका दुख को किसान
आता है भीषण ग्रीष्मकाल
है भूमि उगलती ज्वाल-माल
है उष्ण वायु बहती कराल
पर कृष्यक घूमता है निर्भय,
हो कड़ी धूप से भी न भलान
प्रश्न 6: “छिपे खेत में, आँखमिचौनी सी करते आए हैं”
तुम जानते हो कि आँखमिचौनी एक खेल है जिसमें एक खिलाड़ी आँखें बंद कर लेता है और बाकी खिलाड़ी छिप जाते हैं। तुम भी अपने आस-पास खेले जाने वाले ऐसे ही कुछ खेलों के नाम लिखो। यह भी बताओ कि इन खेलों को कैसे खेलते हैं?
उत्तर : ‘कार्नर’ इसमें चार कोनों में चार बच्चे खड़े हो जाते हैं। एक बच्चा बीच में रहता है। चारों बच्चे अपने कोने बदलते हैं और बीच वाले बच्चे को जल्दी से कोना लेना होता है। जिसका कोना चला जाता है वह बीच में आ जाता है या आऊट हो जाता है। दूसरे बच्चे को चांस मिलता है।
प्रश्न 7: “उड़ने वाले काले जलधर
नाच-नाच कर गरज-गरज कर
ओढ़ फुहारों की सित चादर
देख उतरते हैं धरती पर”
बादल गरज-गरज कर धरती पर बरसते हैं परंतु इसके बिलकुल उलट एक मुहावरा है–
जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं।
कक्षा में पाँच-पाँच बच्चों के समूह बनाकर चर्चा करो कि दोनों बातों में से कौन-सी बात अधिक सही है। अपने उत्तर का कारण भी बताओ। चर्चा के बाद प्रत्येक समूह का एक प्रतिनिधि पूरी कक्षा को अपने समूह के विचार बताएगा।
उत्तर : बादल खूब गरज-गरज कर बरसते हैं। यह सही है परन्तु कभी-कभी बादल गरज कर भी नहीं बरसते ऐसे ही चले जाते हैं। अत: दोनों बातें सही हैं।
प्रश्न 8: वर्षा से जुड़े या वर्षा के बारे में कुछ और मुहावरे खोजो। उनका प्रयोग करते हुए एक-एक वाक्य बनाओ।
उत्तर : (i) का वर्षा जब कृषि सुखाने (फसल के सूख जाने के बाद वर्षा का कोई महत्व नहीं होता है) –उसके खेत गर्मी से सूख गए उसके बाद वर्षा हुई जिसका कोई फायदा नहीं। ठीक ही है का वर्षा जब कृषि सुखाने।
(ii) जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं (बातें करने वाले काम नहीं करते) –आजकल नेता लोग बड़े-बड़े वादे करते हैं पर करते कुछ नहीं। सही है जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं।
(iii) आसमान टूटना (मुसीबत आना) – पिता की मृत्यु के बाद तो जैसे उस पर दुखों का आसमान टूट पड़ा।
प्रश्न 9: “काले बादल तनिक देख तो।”
तुम भी अपने ढंग से ‘तनिक’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए पाँच वाक्य बनाओ।
उत्तर : (i)तनिक रूक जाओ।
(ii)तनिक सा अनाज दे दो।
(iii)तनिक ध्यान से चलो।
(iv)तनिक धैर्य धरो।
(v)अपनी करतूतों पर तनिक ध्यान दो।
Exercise : Solution of Questions on page Number : 49
प्रश्न 10: तुमने वर्षा ऋतु से संबंधित कुछ गीत/गानों को अवश्य सुना होगा। अगर नहीं तो इससे संबंधित कुछ गीत/गानों की सूची बनाओ और अपनी आवश्यकता और सुलभता के अनुसार उन्हें सुनो। उनमें से किसी गीत-गाने को तुम सुविधानुसार किसी अवसर पर गा भी सकते हो।
उत्तर : हिन्दी सिनेमा जगत के कुछ गाने इस प्रकार हैं-
१. बरसात में तुम से मिले हम…… (फ़िल्म बरसात)
२. घनन घनन देखो घिर आए बदरा…… (फ़िल्म लगान)
३. जिंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात…… (फ़िल्म बरसात की एक रात)
४. देखो जरा देखो बरसात की झड़ी…. (फ़िल्म ये दिल्लगी)
५. ओ सावन राजा कहां से आए तुम….. (फ़िल्म दिल तो पागल है)