स्पर्श भाग -2 अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले (निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए )
NCERT Solutions for Class 10 Sparsh Part 2 Hindi Chapter 15 – Ab Kahan Dusre Ke Dukh Main Dukhi Hone Wale
प्रश्न 1: बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे क्यों धकेल रहे थे?
उत्तर: प्रतिदिन आबादी बढ़ रही है और बिल्डर नई-नई इमरातें बनाने के लिए वन जंगल तो खतम कर ही रहे हैं। साथ ही समुद्र के किनारे इमारतें बनाने के कारण समुद्र को पीछे किया जाता है।
प्रश्न 2: लेखक का घर किस शहर में था?
उत्तर: लेखक का घर पहले ग्वालियर में था, फिर बम्बई वर्सोवा में रहने लगे।
प्रश्न 3: जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा है?
उत्तर: लेखक के अनुसार अब जीवन डिब्बे जैसे घरों में सिमटने लगा है। पहले बड़े-बड़े घर दालान आँगन होते थे, सब मिलजुल कर रहते
थे, अब आत्मकेन्द्रित हो गए हैं। इसलिए लोग छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में सिमटने लगे हैं।
प्रश्न 4: कबूतर परेशानी में इधर-उधर क्यों फड़फड़ा रहे थे?
उत्तर: कबूतर के घोंसले में दो अंडे थे। एक बिल्ली ने तोड़ दिया था दूसरा बिल्ली से बचाने के चक्कर में माँ से टूट गया। कबूतर इससे परेशान होकर इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे।
प्रश्न 5: अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?
उत्तर: लशकर को अरबवासी नूह की उपाधी के रूप में याद करते हैं। नूह को पैगम्बर या ईश्वर का दूत भी कहा गया है। इसलिए लशकर को
नूह के नाम से याद किया जाता है। उसके मन में करूणा होती थी। उनेक पावन ग्रंथों में इनका ज़िक्र मिलता है।
प्रश्न 6: लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं और क्यों?
उत्तर: लेखक की माँ को प्रकृति से बहुत प्यार था। वे कहती थीं कि दिन छुपने या सूरज ढलने के बाद पेड़ों को नहीं छूना चाहिए। वे रोते
हैं, रात में फूल तोड़ने पर वे श्राप देते हैं।
प्रश्न 7: प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर: प्रकृति में आए असंतुलन का कारण निरंतर पेड़ों का कटना समुद्र को बाँधना, प्रदूषण और बारूद की विनाश लीला है।
जिसके कारण भूकंप, अधिक गर्मी, वक्त बेवक्त की बारिश, अतिदृष्टी, साइकोन आदि और अनेक बिमारियाँ प्रकृति में आए असंतुलन का परिणाम है।
प्रश्न 8: लेखक की माँ ने पूरे दिन रोज़ा क्यों रखा?
उत्तर: लेखक के घर एक कबूतर का घोसला था जिसमें दो अंडे थे। एक अंडा बिल्ली ने झपट कर तोड़ दिया, दूसरा अंडा बचाने के लिए माँ उतारने लगीं तो टूट गया। इस पर उन्हें दुख हुआ। माँ ने प्रायश्चित के लिए पूरे दिन रोज़ा रखा और नमाज़ पढ़कर माफी माँगती रहीं।
प्रश्न 9: लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए
उत्तर: लेखक पहले ग्वालियर में रहता था। फिर बम्बई के वर्सोवा में रहने लगा। पहले घर बड़े-बड़े होते थे, दालान आंगन होते थे अब डिब्बे जैसे
घर होते हैं, पहले सब मिलकर रहते थे अब सब अलग-अलग रहते हैं, इमारतें ही इमारतें हैं पशुपक्षियों के रहने के लिए स्थान नहीं रहे, पहले अगर व घोसले बना लेते थे तो ध्यान रखा जाता था पर अब उनके आने के रास्ते बंद करदिए जाते हैं।
प्रश्न 10: ‘डेरा डालने’ से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ‘डेरा डालने’ का अर्थ है कुछ समय के लिए रहना। बड़ी-बड़ी इमारते बनने के कारण पक्षियों को घोंसले बनाने की जगह नहीं मिल रही है। वे इमारतों में ही डेरा डालने लगे हैं।
प्रश्न 11: शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर क्यों उठ खड़े हुए?
उत्तर: एक बार शेख अयाज़ के पिता कुएँ पर नहाने गए और वापस आए तो उनकी बाजू पर काला च्योंटा चढ़ कर आ गया। जैसे ही वह भोजन करने बैठे च्योंटा बाजू पर आया तो वे एक दम उठ कर चल दिए माँ ने पूछा कि क्या खाना अच्छा नहीं लगा तो उन्होनें जवाब दिया कि
मै ने किसी को बेघर कर दिया है। उसे घर छोड़ने जा रहा हूँ। अर्थात वे च्योंटे को कुएँ पर छोड़ने चल दिए।
प्रश्न 12: बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: पर्यावरण असंतुलित होने का सबसे बड़ा कारण आबादी का बढ़ना है जिससे आवासीय स्थलों को बढ़ाने के लिए वन, जंगल यहाँ तक कि
समुद्रस्थलों को भी छोटा किया जा रहा है। पशुपक्षियों के लिए स्थान नहीं है। इन सब कारणों से प्राकृतिक का सतुंलन बिगड़
गया है और प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ती जा रही हैं। कहीं भूकंप, कहीं बाढ़, कहीं तूफान, कभी गर्मी, कभी तेज़ वर्षा इन के कारण कई बिमारियाँ
हो रही हैं। इस तरह पर्यावरण के असंतुलन का जन जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
प्रश्न 13: लेखक की पत्नी को खिड़की मे जाली क्यों लगवानी पड़ी?
उत्तर: लेखक के घर में कबतूर ने घोसला बना लिया था जिसमें दो बच्चे थे उनको दाना खिलाने के लिए कबूतर आया जाया करते थे, सामान तोड़ा करते थे। इससे परेशान होकर लेखक की पत्नी ने मचान के आगे घोंसला सरका दिया और वहाँ जाली लगवा
दी।
प्रश्न 14: समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?
उत्तर: कई सालों से बिल्डर समुद्र को पीछे धकेल रहे थे और उसकी ज़मीन हथिया रहे थे। समुद्र सिमटता जा रहा था। उसने पहले टाँगें समेटी फिर उकडू बैठा फिर खड़ा हो गया। फिर भी जगह कम पड़ने लगी तो वह गुस्सा हो गया। उसने तीन जहाज फेंक दिए। एक वार्लीके समुद्र के किनारे, दूसरा बांद्रा मे कार्टर रोड के सामने और तीसरा गेट वे ऑफ इंडिया पर टूट फूट गया।
प्रश्न 15: ‘मिट्टी मे मट्टी मिले, खो के सभी निशान, किसमें कितना कौन है, कैसे हो पहचान’ इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कवि का कहना है कि हमारा शरीर मिट्टी का बना है और अन्त में मिट्टी में ही मिल जाना है। उसकी अपनी कोई पहचान शेष नहीं
रहेगी। अत: सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। किसी से दुश्व्यवहार नहीं करना चाहिए। कोई बड़ा छोटा नहीं है, अच्छा बुरा नहीं है।
सबकी रचना ईश्वर ने की है।
प्रश्न 16: नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला
था।
उत्तर: प्रकृति के साथ मनुष्य खिलवाड़ करता रहा है। इसी के कारण अतिवृष्टि से विनाशकारी बाढ़ों ने भयंकर लीला की। समुद्र की लहरों से
उठता जल भी अपना भयंकर रूप यहाँ दिखा चुका है।
प्रश्न 17: जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।
उत्तर: महान तथा बड़े लोगों में क्षमा करने की प्रधानता होती है। किसी भी व्यक्ति की महानता क्रोध कर दण्ड देने में नहीं होती है बल्कि किसी की भी गलती को क्षमा करना ही महान लोगों की विशेषता होती है। समुद्र महान है। वह मनुष्य के खिलवाड़ को सहन करता रहा। पर हर चीज़ की हद होती है। एक समय उसका क्रोध भी विकराल रूप
में प्रदर्शित हुआ। वैसे तो महान व्यक्तियों की तरह उसमें अथाह गहराई,
शांति व सहनशक्ति है।
प्रश्न 18: निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है।
उत्तर: बस्तियों के फैलाव से पेड़ कटते गए और पक्षियों के घर छिन गए। कुछ तो जातियाँ ही नष्ट हो गईं। कुछ पक्षियों ने यहाँ इमारतों में डेरा जमा लिया।
प्रश्न 19: निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
शेख अयाज़ के पिता बोले, ‘नहीं, यह बात नहीं हैं। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने
जा रहा हूँ।’ इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: शेख अयाज़ के पिता बोले, ‘नहीं, यह बात नहीं हैं। मैने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके
घर छोड़ने जा रहा हूँ।’ इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावनाओं को समझते थे। वे चीटें को भी घर पहुँचाने जा रहे थे। उनके
लिए मनुष्य पशु-पक्षी एक समान थे। वे किसी को भी तकलीफ नहीं देना चाहते थे।
प्रश्न 20: उदारण के अनुसार निम्नलिखित वाक्यों में कारक चिह्नों को पहचानकर रेखांकित कीजिए और उनके नाम रिक्त स्थानों में लिखिए;
जैसे −
(क) | माँ ने भोजन परोसा। |
कर्ता |
(ख) | मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ। |
…………………. |
(ग) | मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया। |
…………………. |
(घ) | कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। |
…………………. |
(ङ) | दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो। |
…………………. |
उत्तर:
(क) | माँ ने भोजन परोसा। |
कर्ता |
(ख) | मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ। |
संप्रदान |
(ग) | मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया। |
कर्म |
(घ) | कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। |
अधिकरण |
(ङ) | दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो। |
अधिकरण |
प्रश्न 21: नीचे दिए गए शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए −
चींटी, घोड़ा, आवाज़, बिल, फ़ौज, रोटी, बिंदु, दीवार, टुकड़ा।
उत्तर:
चींटी | – | चीटियाँ |
घोड़ा | – | घोड़ें |
आवाज़ | – | आवाज़ें |
बिल | – | बिल |
फ़ौज | – | फ़ौजें |
रोटी | – | रोटियाँ |
बिंदु | – | बिंदु (बिदुओ को) |
दीवार | – | दीवारें |
टुकड़ा | – | टुकड़े |
प्रश्न 22: ध्यान दीजिए नुक्ता लगाने से शब्द के अर्थ में परिवर्तन हो जाता है। पाठ में ‘दफा’ शब्द का प्रयोग हुआ है जिसका अर्थ होता है−बार (गणना संबंधी), कानून संबंधी। यदि इस शब्द में नुक्ता लगा दिया जाए तो शब्द बनेगा ‘दफ़ा’ जिसका अर्थ होता है−दूर करना, हटाना। यहाँ नीचे कुछ नुक्तायुक्त और नुक्तारहित शब्द दिए जा रहे हैं उन्हें ध्यान से देखिए और अर्थगत अंतर को समझिए।
निम्नलिखित वाक्यों में उचित शब्द भरकर वाक्य पूरे किजिए −
(क) आजकल ……………… बहुत खराब है। (जमाना / ज़माना)
(ख) पूरे कमरे को ……………… दो। (सज / सज़ा)
(ग) माँ दही …………… भूल गई। (जमाना / ज़माना)
(घ) …………. चीनी तो देना (जरा / ज़रा)
(ङ) दोषी को ………… दी गई। (सजा / सज़ा)
(च) महात्मा के चेहरे पर……………. था। (तेज / तेज़)
उत्तर:
(क) आजकल ....ज़माना..…. बहुत खराब है। (जमाना / ज़माना)
(ख) पूरे कमरे को .…सजा..…. दो। (सजा / सज़ा)
(ग) माँ दही ….जमाना... भूल गई। (जमाना / ज़माना)
(घ) ...ज़रा.… चीनी तो देना (जरा / ज़रा)
(ङ) दोषी को ..सज़ा.... दी गई। (सजा / सज़ा)
(च) महात्मा के चेहरे पर ..तेज.. था। (तेज / तेज़)